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तीसरी पीढ़ी के इस्पात से बढ़ेगी कारों की माइलेज

Published: Jun 28, 2015 06:44:00 pm

इसका विकास मिसौरी
युनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के केंट डी. पीजली स्टील मैन्यूफैक्कचरिंग
रिसर्च सेंटर में किया जा रहा है

Steel

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न्यूयॉर्क। अमरीका के एक विश्वविद्यालय में तीसरी पीढ़ी के इस्पात का विकास किया जा रहा है, जिसके उपयोग से कारों की माइलेज बढ़ाई जा सकेगी। यह बात शोधार्थियों ने कही। विश्वविद्यालय ने इसका नाम रखा है “थर्ड जनरेशन एडवांस्ड हाई-स्ट्रेंथ स्टील”। यानी तीसरी पीढ़ी का अत्याधुनिक अधिक मजबूती वाला इस्पात। इसका विकास मिसौरी युनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के केंट डी. पीजली स्टील मैन्यूफैक्कचरिंग रिसर्च सेंटर में किया जा रहा है।

विश्ववद्यालय की ओर से जारी बयान में सेंटर के निदेशक रोनाल्ड ओ मैली ने कहा, अभी हम इसकी डिजाइन को बेहतर करने में लगे हैं, ताकि तीसरी पीढ़ी के मैकेनिकल गुणों को और बड़े पैमाने पर उत्पादन किए जा सकने की योग्यता हासिल की जा सके।

ओ मैली ने कहा, वाहन कंपनियों को बिना सुरक्षा से समझौता किए हल्के वाहन बनाने चाहिए। प्रथम पीढ़ी के इस्पात का आज आम तौर पर कारों और ट्रकों में इस्तेमाल किया जा रहा है।
दूसरी पीढ़ी के इस्पात का विकास किया जा चुका है और यह अपेक्षाकृत हल्का और मजबूत है।

दूसरी पीढ़ी के इस्पात का विनिर्माण हालांकि अत्यधिक महंगा है और इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है। उन्होंने कहा, तीसरी पीढ़ी का इस्पात और हल्का, आसानी से उत्पादन करने योग्य और अधिक मजबूत होना चाहिए। आर्सेलरमित्तल सहित चार प्रमुख इस्पात कंपनियों के प्रतिनिधि इस परियोजना की देखरेख कर रहे हैं।
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