scriptअभी भी सोयाबीन के भाव से मायूस हैं किसान | Desperate farmers at a price of soybeans | Patrika News

अभी भी सोयाबीन के भाव से मायूस हैं किसान

locationसीहोरPublished: Jan 07, 2017 12:04:00 am

Submitted by:

Bharat pandey

सीजन शुरू होने के बाद से ढाई हजार से तीन हजार रुपए क्विंटल ही बने हैं सोयाबीन के भाव

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सीहोर। इस साल सोयाबीन के भाव अभी तक किसानों को मायूस किए हुए हैं। आधा सीजन बीतने के बाद भी सोयाबीन के भाव ढाईसे तीन हजार क्विंटल चल रहे हैं।

नोटबंदी और अच्छे भाव के चक्कर में किसानों ने अपनी उपज रोक रखी थी, लेकिन रुपया की आवश्यकता किसानों को मंडी खींचकर लाने पर मजबूर कर रही है। इस साल सोयाबीन के भाव किसानों को अभी तक मायूस किए हुए हैं। सीजन शुरू होने के बाद से सोयाबीन के भाव ढाई हजार से तीन हजार रुपए क्विंटल के ही बने हैं। किसानों का कहना है कि आधे से अधिक सीजन बीतने के बाद भी सोयाबीन के भाव अभी भी ज्यों के त्यों हैं। कुरावर के राम सिंह का कहना है कि किसानों को उपज बेचने के अलावा कोई चारा नहीं है। मंडी में जो भाव है, उस भाव पर उपज बेचने मजबूर होना पड़ता है। शुक्रवार को उनकी सोयाबीन उपज 2700 रुपए के भाव बिकी। गल्ला मंडी में शुक्रवार को सोयाबीन 2500 से 3131 के भाव रही।

नकदी मिल नहीं रहा, चेक से चला रहे काम
 मंडी में किसानों का उपज लेकर आना बढ़ता जा रहा है। खरीदी जा रही उपज का भुगतान व्यापारी चेक के माध्यम से कर रहे हैं। पुराने नोट बंदी के बाद मंडी में भुगतान की समस्या को लेकर कुछ दिनों तक नीलामी बंद हो गई थी। इसके बाद से मंडी में खरीदे गए अनाज का भुगतान चेक, आरटीजीएस से किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि वह उपज कब तक घरों में रख सकते हैं। रुपए की जरूरत है। ऐसी स्थिति में उपज बेचने के अलावा कोई चारा नहीं है। सांकला के किसान राम सिंह ने कहा कि उपज के बदले चेक से भुगतान होने पर बैंकों के माध्यम से ही रुपए निकाले जा रहे हैं। चेक से भुगतान के चलते गल्ला मंडी में भी आवक बढऩे लगी है। इस समय पांच हजार क्विंटल से अधिक की आवक हो रही है।शुक्रवार को भी गल्ला मंडी में करीब सात हजार क्विंटल की आवक दर्ज की गई।
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