किसानों को पिछले साल इल्ली और अफलन से बर्बाद हुई सोयाबीन की फसल का बीमा क्लेम नहीं मिला, सर्वे रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने जिले में 440 करोड़ रुपए की राशि बांटने की थी घोषणा
सीहोर। पिछले तीन साल की तरह इस साल भी किसानों की दीपावली फीकी रहेगी। सोयाबीन की बर्बादी का बीमा क्लेम 440 करोड़ रुपए अभी तक किसानों को नहीं मिला है। फसल बीमा राशि नहीं मिलने को लेकर किसान कई बार सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं।
पिछले साल का फसल बीमा क्लेम अभी तक नहीं मिला है और इस बार फिर से किसानों से फसल बीमा की राशि वसूली गई है। इसके अलावा इस साल भी करीब करीब 40 हजार हेक्टेयर सोयाबीन की फसल बारिश और इल्ली के प्रकोप से खराब हुई है, जिसकी रिपोर्ट कृषि और राजस्व विभाग ने सरकार को भेजी है, लेकिन अभी तक फसल के बीमा क्लेम राशि का अतापता नहीं है। इल्ली और अफलन के कारण पिछले साल करीब 80 फीसदी किसानों की सोयाबीन फसल खराब हुई थी। राजस्व विभाग ने कृषि विभाग के साथ सोयाबीन की बर्बादी का सर्वे किया। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने सीहोर जिले में 440 करोड़ रुपए बीमा क्लेम राशि बांटने की घोषणा की। सरकार की घोषणा को एक साल से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन अभी तक किसानों को बीमा क्लेम राशि नहीं मिली है। पिछली राशि की तरह इस साल की फसल बीमा क्लेम राशि का अभी तक किसानों को कोई अतापता नहीं है।
इस साल तो किसानों की फसल का बीमा केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत किया गया है। प्रधानमंत्री बीमा योजना फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने के बाद भी किसानों को बीमा क्लेम राशि नहीं मिली है। कृषि विभाग के अनुसार इस साल खरीफ सीजन में सोयाबीन की फसल 40 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में प्रभावित हुई है। करीब एक हजार हेक्टेयर सोयाबीन तो अतिवृष्टि, 20 हजार अफलन और 22 हजार हेक्टेयर इल्ली के प्रकोप से खराब हुई है। सोयाबीन की बोवनी दो लाख 70 हजार 335 हेक्टेयर में हुई थी।