नसरुल्लागंज। गश्त के दौरान जंगल में घूम रहे वन अमले पर हमला करने वाले आरोपियों को न्यायालय ने एक-एक साल के कारावास और 500-500 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है।
अपर लोक अभियोजक राजेश गुप्ता ने बताया कि सात जून 2009 को बीट सईदगंज में पदस्थ नाकेदार हरनाम सिंह वन अमले के साथ जंगल में गश्त कर रहे थे। इस दौरान आरोपी सजन सिंह, निर्भय सिंह, सुखमा बाई, गंगाबाई और मंसूर सिंह निवासी खरपुरा शाहगंज जंगल में सागौन के पेड़ काटते दिखाई दिए। वन अमले ने रोका तो आरोपियों ने कुल्हाड़ी और तीर से हमला किया। हमले में नाकेदार हरनाम सिंह के सिर में चोट लगी। इस बात की शिकायत थाने मेें करने की कहा तो आरोपी महिला-पुरूषों ने जान से मारने की धमकी दे डाली। आरोपियों के भागने के बाद नाकेदार शाहगंज थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने कर शासकीय कार्य में बांधा डालने, मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में चालान न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में द्वितीय अपर सस्त्र न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की सुनवाई कर आरोपियों को एक-एक साल के सश्रम कारावास और 500-500 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है।
हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास
नसरुल्लागंज अपर सत्र न्यायाधीश मूसा खान ने हत्या के एक आरोपी को आजीवन कारावास और एक लाख के अर्थदण्ड से दंडित किया है। आरोपी ने परिवार की महिला के साथ छेड़छ़ाड करने को लेकर किशोर की पानी के टैंक मेंफेंक कर हत्या की थी। अपर लोक अभियोजक राजेशु गुप्ता ने बताया कि 19 अक्टूबर 2014 को अल्पेश उर्फ चिंटू गायब हो गया। चिंटू का शव उसके घर के सामने सुरेन्द्र सिंह के निर्माणाधीन मकान के पास बने पानी के टैंक से बरामद किया गया था। पुलिस ने नंदन सिंह की सूचना पर मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी। पुलिस की जांच में सामने आया कि चिंटू की हत्या नंदन सिंह ने ही की है। चिंटू ने नंदन सिंह के परिवार की महिला से छेड़छाड़ की थी, इसे लेकर नंदन सिंह ने चिंटू को पानी के टैंक में फेंक दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई। न्यायालय में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी नंदन सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।