सीहोर। जमोनिया जलाशय की नहर को लेकर मंगलवार को विधायक सुदेश राय का पारा चढ़ गया। दो बार जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश देने के बाद भी जमोनिया की नहर नहीं खुलने से नाराज विधायक ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में विभाग के कार्यपालन यंत्री से कहा कि यदि पांच मिनट में किसानों के लिए पानी नहीं छोड़ा जाता है तो वे स्वयं तालाब पर पहुंचकर नहर के नाके का ताला तोड़ देंगे।
जानकारी लगने पर कलेक्टर डॉ. सुदाम खाड़े ने कार्यपालन यंत्री को तुरंत नहर में पानी छोडऩे के निर्देश दिए। विधायक और कलेक्टर के निर्देशों के बाद भी जमोनिया की नहर समय पर नहीं खोली जा सकी। इस नहर के नाके की चाबी अज्ञात नपा कर्मचारी लेकर गायब हो गए थे। चाबी के अभाव में ताला तोड़कर नहर शुरू कराई जा सकी। ये पूरी कार्रवाई जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में हुई। जानकारी लेने एसडीएम राजकुमार खत्री भी जमोनिया डैम पहुंचे।
पानी पर राजनीति बनी विवाद का कारण
मामले में जो तथ्य सामने आए हैं उनके अनुसार नगर पालिका से जुड़े कुछ लोग जमोनिया के पानी को सीहोर शहर के लिए आरक्षित बताते हुए नहर खोलने का विरोध कर रहे थे। किसान विधायक से लगाकर नहर खोलने की मांग कर रहे थे। जलसंसाधन विभाग के अधिकारी पहले पर्याप्त पानी नहीं होने की बात कह रहे थे। बाद में दो एमसीएफटी पानी छोडऩे का बताकर नहर शुरू करने का आश्वासन दिया, लेकिन निर्देशों के दो दिन बाद भी नहर नहीं खोली जा सकी।
तीन दिन से किसान लगा रहे थे चक्कर
जमोनिया जलाशय की नहर से तीन दिसंबर को पानी छोड़ा गया था, जिसे 5 जनवरी को बंद कर दिया गया। जमोनिया जलाशय में डेड स्टोरेज पानी मिलाकर नौ एमसीएफटी पानी मौजूद है। इसमें सीहोर के लिए आरक्षित 3.8 0 एमसीएफटी पानी भी शामिल है। एक महीने नहर चलाने के बाद भी नहर के सीमांत ग्रामों मुहाली, मुल्लानी, मुंगावली जैसे गांवों के किसानों तक पानी नहीं पहुंच सका था। पानी के अभाव में इन गांवों में अब तक पलेवा नहीं हो सका है। इन गांवों के किसान पिछले तीन दिनों से विधायक कार्यालय के चक्कर काटकर नहर फिर से प्रारंभ करवाने की मांग कर रहे थे, इन किसानों की मांग को लेकर विधायक ने दो बार जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री बीके शर्मा से नहर खोलने की बात कही थी, लेकिन नहर खोली नहीं जा सकी थी।
चाबी लेकर गायब हो गए नपा कर्मचारी
इस पूरे मामले में रोचक तथ्य यह सामने आया कि जमोनिया जलाशय के नहर खोलने वाले बाल्व जिसे नाका कहा जाता है पर लगे ताले की चाबी तक जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के पास नहीं थी। इस चाबी को नगर पालिका का कोई कर्मचारी लेकर गायब हो गया था। यह चाबी नहीं मिल पाने के कारण नहर प्रारंभ होने में समस्याएं आ रही थी। काफी इंतजार के बाद भी जब नाके की चाबी नहीं मिली तो जलसंसाधन विभाग के एसडीओ बीके जैन ने कर्मचारियों से नाके का ताला तुड़वा कर नहर चालू करवाई।
जमोनिया जलाशय में अभी पर्याप्त पानी है। किसानों को पानी देने के बाद भी शहर के हिस्से का पूरा पानी सुरक्षित रहेगा। किसानों की समस्या को देखते हुए नहर प्रारंभ करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन उनका पालन नहीं होने पर खुद ताला तोडऩे की चेतावनी भी दी थी।
सुदेश राय, विधायक सीहोर
मौके पर नाके की चाबी नहीं होने के कारण नाका खोलने में समय लगा, चाबी के अभाव में हमने पुराना ताला तुड़वाकर नहर प्रारंभ करवा दी है। अब नया ताला लॉक रॉड में डाल दिया गया है। नहर से 1.8 0 एमसीएफटी पानी छोड़ा जा रहा है।
बीके जैन, एसडीओ जलसंसाधन विभाग
जमोनिया से पानी छुडवाने के लिए हम जलाशय पर पहुंचे थे। जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों ने नहर प्रारंभ करवा दी है। हमने ताले की एक चाबी नपा कर्मचारी व दूसरी जलसंसाधन विभाग के पास रखे जाने के निर्देश दिए है।
राजकुमार खत्री, एसडीएम सीहोर