सीहोर. साहब! हमारी मांग कब तक पूरी नहीं की जाएंगी? हमारी तो सुनवाई नहीं हो रही है। हम लंबें समय से संघर्ष कर रहे हैं, उसके बावजूद कुछ नहीं हो सका है। यह बात सरपंच संघ ने बुधवार को जनपद कार्यालय पहुंचकर सीईओ को एक ज्ञापन देकर कहीं।
बुधवार को सचिव संघ और सरपंच संघ एक हो गए। सरपंचों ने बड़ी संख्या में एक राय होकर ज्ञापन दिया। सरपंच संघ के ब्लॉक अध्यक्ष दशरथ सिंह मीणा ने कहा कि शासन द्वारा तानाशाही रवैए से सभी नाराज है। शासन ने रोजगार सहायकों को वैकल्पिक व्यवस्था पूरी करने का विरोध कर कहा कि जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक पंचायतों का ताला नहीं खुलने दिया जाएगा। सरपंच सचिवों के धरना प्रदर्शन में पहुंचे मार्केंटिग अध्यक्ष अमर सिंह मीणा ने कहा कि सरपंचों की मांगों का शासन शीघ्र निराकरण करें। वहीं प्रदीप सक्सेना ने भी धरना प्रदर्शन स्थल पर मौजूद सरपंचों और सचिवों को संबोधित किया। बुधवार को धरना प्रदर्शन स्थल पर हृदेश गौर, रामस्वरूप ठाकु र, ओम प्रकाश मीणा, रमेश मीणा, पर्वत सिंह, जगदीश मीणा, नरेन्द्र ठाकु र, मोहन लाल साहू शामिल थे। एक आदेश में सीएसआर रेट में परिवर्तन किया गया है। यह सीएसआर रेट 1250 से घटाकर 800 कर दी गई है। इस रेट पर ग्राम पंचायतों में काम कराया जाता है तो काफ ी नुकसान झेलना पड़ेगा। इसी के विरोध में सरपंच व सचिव अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। सरपंच व सचिवों ने धरना स्थल पर जोरदार प्रदर्शन के जरिए विरोध जताया। आंदोलन में मांग की जा रही है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण कार्य एवं व्यक्तिगत शौचालय निर्माण कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत को ही बनाया जाए। सरपंचों का मानदेय 1750 रुपए से बढ़ाकर दस हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए। गरीब परिवारों के बीपीएल राशनकार्ड बनाने का अधिकार ग्राम पंचायतों को दिया जाए आदि हैं।