सिवनी. जिले में खरीफ की फसल की बुवाई का जो लक्ष्य कृषि विभाग ने तय किया था उसमें से शत-प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। जिले में अगेती पछेती दोनों फसलों की बुवाई का काम पूरा हो चुका है। जिले में 3 लाख 40 हजार 100 हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया था। जिले में धान की 40 प्रतिशत रोपाई हो चुकी है। वहीं असिंचित क्षेत्र में पानी की कमी से परहा नहीं लगा है। जिन किसानों के पास स्वयं के सिंचाई के साधन हैं ऐसे किसान खेतों में परहा लगा चुके हैं और कुछ लगा रहे हैं।
कृषि विभाग द्वारा मक्का का लक्ष्य 95 हजार, अरहर का 15 हजार, उड़द का 12 हजार, मूंग का एक हजार, मूंगफली का 6500, सोयाबीन का 25 हजार व धान का 1,75000 समेत अन्य फसलों का लक्ष्य कुल 340100 हेक्टेयर रखा गया था। जिसमें से धान को छोड़कर अधिकांश फसलों की बोवनी लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। वहीं असिंचित एरिया में पानी कम होने के कारण धान की 40 प्रतिशत रोपाई हो पाई है। ग्राम ऐरपा, फुलारा, मरझोर समेत अनेक गांव के किसानों ने बताया कि रोपनी तैयार हो गई है। खेतों में पानी की कमी के कारण परहा नहीं लगा है।
बारिश के इंतजार में धान के किसान
बरघाट. क्षेत्र में बारिश नहीं होने से धान की खेती पिछड़ती नजर आ रही है। बड़े किसान पंप से पानी चलाकर खेतों में धान की रोपाई का कार्य पूर्ण कर चुके हैं, लेकिन छोटे व मझौले किसानों को अभी भी बारिश आने का इंतजार है।
कई वर्षों से करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाला कांचना मंडी जलाशय भी अधूरा पड़ा है वही बोरी व शुक्ला जलाशय की नहरों की खुदाई व सफाई का कार्य की रकम कागजों में खर्च किया जाती हैं, लेकिन पिछले एक दशक से नहरों में पानी की दुर्दशा को लेकर किसान परेशान हैं। किसान किसी तरह पंपसेट आदि संसाधन से अपनी खेती करने को विवश हैं।