इसको कहते हैं गुरू, सब करें तो बदल जाए शिक्षा की तस्वीर
शाहजहांपुरPublished: Jul 28, 2017 03:21:00 pm
फिलहाल प्राथमिक विद्यालय के इस टीचर की हर कोई सरहाना कर रहा है।
शाहजहांपुर. शिक्षा के मामले में बेहद ही कमजोर माने जाने वाले सरकारी स्कूलों की चुनैती को स्वीकार करते हुए यूपी के शाहजहांपुर में एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने अपने मजबूत इरादों से प्रदेश के अन्य नौकरशाहों के बीच एक बडा संदेश दिया है। उन्होंने अपनी 10 साल के बेटे का दाखिला सरकारी स्कूल में कराया है। इससे पहले उनका बेटा शहर के ही एक कान्वेंट स्कूल में पढ़ता था। फिलहाल प्राथमिक विद्यालय के इस टीचर की हर कोई सरहाना कर रहा है।
नामचीन स्कूल से लाए सरकारी स्कूल में
प्राथमिक विद्यालय में गांव के बच्चो के बीच पढता ये बच्चा अविरल प्रताप सिंह है। जो इससे पहले शहर के ही एक नामचीन कान्वेंट स्कूल में पढ़ता था। दरअसल निगोही ब्लॉक के काज़रीनूरपुर प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात जैनेन्द्र प्रताप सिंह ने प्राथमिक विद्यालयों में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए उन्होंने अपने बेटे को कान्वेंट स्कूल से हटा कर उसका दाखिला अपने ही स्कूल में कराया है। उनका कहना है कि आज जब हर कोई अपने बच्चे को महंगे से महंगे स्कूल में पढ़ाने की ख्वाहिश पाले हुए हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों में नही पढ़ाते है। ऐसे में अगर सरकारी कर्मचारी का बच्चा जब सरकारी स्कूल में पढ़ेगा तब ही यहाँ शिक्षा का स्तर बेहतर होगा।
हो रही सराहना
प्रधानाध्यापक जैनेन्द्र की इस पहल से गांव के लोग भी उनकी काफी सराहना कर रहे है। जाहिर है कि जिस स्कूल में सरकारी कर्मचारियों या आला अधिकारियों के बच्चे पढेंगे, उस स्कूल का शिक्षा का स्तर खुद-ब-खुद सुधर जाएगा। प्रधानाध्यापक जैनेन्द्र की माने तो प्राथमिक विद्यालय के प्रधनाध्यपक का ये फैसला उन अभिवावकों के लिए एक बड़ा संदेश है । जो सरकारी स्कूल में कमियां निकालते हैं और फिर मोटी रकम चुका कर अपने बच्चों का दाखिला निजी संस्थानों करा देते हैं। फिलहाल उनकी इस पहल से अब लगता है की सरकारी स्कूलों की पढ़ाई के स्तर में कुछ सुधार जरूर आएगा।