scriptताले में बंद विद्यार्थियों की विद्या, कैसे हो पढ़ाई | Lock student learning , studying how | Patrika News

ताले में बंद विद्यार्थियों की विद्या, कैसे हो पढ़ाई

locationशाजापुरPublished: Jul 22, 2016 12:54:00 am

वर्तमान में लाइब्रेरी पर ताला लगा हुआ। जिससे न तो यहां से किसी को किताबें मिल रही है और न ही किसी के नोड्यूज हो पा रहे हैं।

college

college

शाजापुर. शासकीय पं. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीनÓ कॉलेज में इस सत्र में सभी विद्यार्थी किताबों के लिए परेशान हो रहे हैं। क्योंकि यहां पर पिछले सत्र से ही लाइब्रेरियन का पद खाली पड़ा है। गत सत्र में अतिथि विद्वान से लाइब्रेरियन का काम करवा लिया था, लेकिन अब उच्च शिक्षा विभाग के नियमानुसार उसे भी हटा दिया गया। वर्तमान में लाइब्रेरी पर ताला लगा हुआ। जिससे न तो यहां से किसी को किताबें मिल रही है और न ही किसी के नोड्यूज हो पा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जून 2015 में नवीन कॉलेज में पदस्थ लाइब्रेरियन अनिलकुमार माथुर का स्थानांतरण कालापीपल कॉलेज के लिए हो गया। 29 जून को माथुर नवीन कॉलेज से रिलीव हुए और 30 जून 2015 को उन्होंने कालापीपल के कॉलेज में चार्ज भी ले लिया। इसके बाद यहां पर शुजालपुर कॉलेज के लाइब्रेरियन अवधेशसिंह चौहान को पदस्थ किया गया, लेकिन चौहान ने यहां आने के पहले ही कोर्ट की शरण ले ली। इस पर उन्हें स्थानांतरण पर स्टे मिल गया। माथुर के रिलीव होने और चौहान के स्टे लेने के कारण नवीन कॉलेज में लाइब्रेरियन का पद रिक्त हो गया और विद्यार्थियों को परेशानी आने लगी। ऐसी स्थिति में नवीन कॉलेज प्रबंधन ने अतिथि विद्वान मनीष पंवार को लाइब्रेरियन बनाया। अतिथि विद्वान होने से उन्हें संपूर्ण चार्ज तो नहीं सौंपा जा सका, लेकिन फिर भी काम चलने लगा। हालांकि तय समयावधि के बाद पंवार को यहां से हटा दिया गया। इसी बीच यहां पदस्थ होने वाले चौहान का स्थानांतरण आदेश कोर्ट ने निरस्त कर दिया। इस स्थिति में वर्तमान में कॉलेज की लाइब्रेरी पूरी तरह से बंद पड़ी है।
नोड्यूज के लिए भी परेशान हो रहे विद्यार्थी
लाइब्रेरियन के नहीं होने से विद्यार्थियों को कॉलेज से मिलने वाली किताबें नहीं मिल पा रही है। सबसे ज्यादा परेशानी ऐसे विद्यार्थियों को हो रही है, जिन्हें कॉलेज से अपनी टीसी निकलवानी है। क्योंकि बगैर लाइब्रेरी के नोड्यूूज के टीसी भी नहीं निकल पा रही है। हर दिन कोई न कोई विद्यार्थी कॉलेज प्राचार्य के पास पहुंचकर समस्या बता रहा है, लेकिन इस समस्या का कोई हल अभी तक दिखाई नहीं दिया है। 
&लाइब्रेरियन की नियुक्ति नहीं होने से पद खाली पड़ा हुआ है। इस संबंध में वरिष्ठ कार्यालय को सूचित किया जा चुका है। लाइब्रेरियन नहीं होने से लाइब्रेरी पर ताला लगा हुआ है। इससे परेशानी भी आ रही है।
-डॉ. डीके गुप्ता, प्राचार्य, नवीन कॉलेज, शाजापुर।
लाखों रुपए की किताबें ताले में बंद
पूरे मामले में खास बात यह है कि करीब 50 हजार से ज्यादा किताबें लाइब्रेरी में बंद पड़ी है। शासन स्तर से मिली इन किताबों का अनुमानित मूल्य लाखों रुपए है, लेकिन अब इनका किसी को लाभ नहीं मिल पा रहा है। कॉलेज सूत्रों की मानें तो लाइब्रेरी में बारिश के मौसम में छत से पानी टपकने की भी समस्या होती थी, ऐसे में यदि वर्तमान में कॉलेज की लाइब्रेरी की छत से पानी टपकने की समस्या हुई होगी तो किताबों के खराब होने की भी आशंका बन रही है। हालांकि यह बात तो तभी स्पष्ट हो पाएगी जब लाइब्रेरी को खोलकर उसकी स्थिति को जांचा जाए।
अभी तक नहीं लिया किसी ने भी पूरा चार्ज
नवीन कॉलेज से लाइब्रेरियन माथुर के स्थानांतरण हो जाने के बाद से कोई स्थाई लाइब्रेरियन यहां पर नहीं आया है। ऐसे में पिछले सत्र में अतिथि विद्वान को भी पूरा चार्ज नहीं दिया जा सका। माथुर ने बताया कि अभी तक उनसे किसी ने भी नवीन कॉलेज की लाइब्रेरी का पूरा चार्ज नहीं लिया है। जबकि माथुर ने इस संबंध में कॉलेज प्रबंधन के साथ-साथ शासन स्तर पर भी पत्र लिखकर चार्ज दूसरे को दिलवाने की मांग की है। देखना होगा कि कब कॉलेज में स्थाई लाइब्रेरियन की नियुक्ति होती है या फिर पिछले सत्र की तरह ही इस बार भी अतिथि विद्वान को आधा-अधूरा चार्ज देकर काम चलाना पड़ता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो