ओपीडी में नहीं मिले डॉक्टर, भड़के मरीज
श्योपुरPublished: Oct 20, 2016 11:32:00 pm
विजयपुर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्थाएं लगातार बदहाल
हैं। गुरुवार को ओपीडी में एक भी डॉक्टर मरीजों को नहीं मिला, जबकि यहां
आधा दर्जन डॉक्टर पदस्थ भी हैं
श्योपुर. विजयपुर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्थाएं लगातार बदहाल हैं। गुरुवार को ओपीडी में एक भी डॉक्टर मरीजों को नहीं मिला, जबकि यहां आधा दर्जन डॉक्टर पदस्थ भी हैं। यही वजह है कि मरीजों और अटेंडरों ने हंगामा कर दिया। गुरुवार सुबह अस्पताल में बीएमओ डॉ. प्रदीप कुमार और डॉ. बसंत शाक्य की ड्यूटी थी, लेकिन दोनों ही अपनी ड्यूटी से गायब थे। जिससे गुस्साए मरीजों ने हंगामा कर दिया और कुछ लोगों ने सीधे कलेक्टर को फोन लगा दिया।
कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम एनआर गौड़ व तहसीलदार प्रमोद गर्ग अस्पताल पहुंचे और मरीजों को शांत किया, तब कहीं जाकर मरीज माने। साथ ही नाइट ड्यूटी करने वाले डॉ. सुनील गुप्ता और ऋषिराज शर्मा को बुलाया गया और मरीज दिखवाए।
मामला शांत होने के बाद एसडीएम गौड़ ने बीएमओ प्रदीप कुमार और डॉ. शाक्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का पत्र कलेक्टर और सीएमएचओ को लिख दिया है। इस संंबंध में गौड़ का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर अक्सर नदारद रहते हैं, इस संबंध में मैं पहले भी कई बार पत्र लिख चुका हूं आज भी बीएमओ सहित दो डॉक्टरों के खिलाफ कारवाई को पत्र लिखा गया है।
नहीं पहुंचा जननी वाहन, नवजात की मौत
ब्लॉक की ग्राम पंचायत शंकरपुर के गांव कोटरा निवासी गर्भवती महिला पपीता पत्नी माखन आदिवासी को बुधवार की सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई। जिसे जिला अस्पताल ले जाने के लिए परिवार के लोग गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पास पहुंचे। परिजनों के मुताबिक कोटरा गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने करीब नौ बजे जननी वाहन को बुलाने के लिए जननी कॉल सेंटर पर फोन लगाया।
इसके बाद दो घंटे तक जननी वाहन का इंतजार किया। लेकिन जननी वाहन नहीं पहुंचा। जिससे प्रसूता का दर्द और बढ़ गया। इस मामले की जानकारी मिलने पर कोटरा गांव में बैठक ले रहे महात्मा गांधी सेवा आश्रम के पोषण सलाहकार ने भी सुबह साढ़े ११ बजे के आसपास जननी वाहन बुलाने फोन किया।
इसके बाद भी जननी वाहन नहीं पहुंचा। यही वजह रही कि प्रसूता पपीता की घर में ही डिलीवरी हो गई। जहां उसने एक लाडली को जन्म दिया। लेकिन जन्म होने के तुरंत बाद ही उसकी मौत हो गई। इस संंबंध में प्रसूता के पति माखन आदिवासी का कहना है कि पत्नी को डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल ले जाने को वाहन बुलाने के लिए कई बार फोन भी लगाया गया। लेकिन जननी नहीं आई,जिससे जननी की मौत हो गई।
“विजयपुर की जानकारी मिलते ही मैंने तुरंत डॉक्टरों की व्यवस्था की।, चूंकि वहां की ज्यादा शिकायतें आ रही है, मैं स्वयं वहां जाकर देखूंगा और स्थितियां में सुधार लाया जाएगा। रही बात कोटरा के मामले की तो ये मेरी जानकारी में नहीं है, जानकारी लेकर कार्रवाई करूंगा।”
डॉ. आरसी गुप्ता, सीएमएचओ, श्योपुर