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कुपोषण मिटाने में मदद करेंगे वनकर्मी

locationशिवपुरीPublished: Oct 21, 2016 10:47:00 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

शासन ने भी माना जंगल के दूरस्थ क्षेत्रों में नहीं जाते जिम्मेदार कर्मचारी

kuposhan

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शिवपुरी. जिले में कुपोषण की काली छाया को दूर करने के लिए जब जिम्मेदार महकमे कारगर साबित नहीं हुए तो अब वन विभाग की इसमें मदद ली जा रही है। यही वजह है कि शासन स्तर से एक पत्र फोरेस्ट अधिकारियों को भेजा गया है, जिसमें उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे कुपोषण चिह्नित करके उसे दूर करने में मदद करें। इससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि शासन भी यह मान रहा है कि जिस मैदानी अमले को कुपोषित बच्चों तक पहुंचना है, वो वहां तक नहीं जा रहा। यही वजह है कि इसमें वन विभाग की मदद ली जा रही है।
गौरतलब है कि शिवपुरी में अभी तक लगभग आधा दर्जन बच्चों की कुपोषण के चलते मौत हो गई। यह अलग बात है कि जिम्मेदार विभागों ने अपनी कारगुजारियों को छुपाने के लिए मौत के पीछे उन बीमारियों को जिम्मेदार बताया, जो उस कुपोषित बच्चे को मरने से पूर्व हुई थी। जबकि हकीकत अधिकारियों से लेकर शासन में बैठे मंत्रियों तक को पता है कि कुपोषण मिटाने के लिए जो भी जिम्मेदार विभाग हैं, वे अपने काम को बखूबी नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते कुपोषण का कलंक मिटने का नाम नहीं ले रहा। शायद यही वजह है कि अब शासन ने वन विभाग को भी इसमें शामिल कर लिया है। ताकि कुपोषित बच्चों की समय पर जानकारी मिलने के साथ ही उनका उपचार करके जान बचाई जा सके।
जंगल में बसे परिवारों तक नहीं पहुंचते जिम्मेदार
कुपोषण की मार सबसे अधिक आदिवासी परिवारों को झेलनी पड़ रही है। क्योंकि आदिवासी बस्तियां भी गांव से बाहर दूर बसी हुई हैं। वहीं अधिकांश आदिवासी परिवार जंगल में रहकर जीवन व्यतीत करते हैं, जहां तक महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी नहीं पहुंच पाते। चंूकि वन कर्मचारी को जंगल की देखरेख के लिए दूरस्थ क्षेत्रों में भी जाना होता है, इसलिए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे जब भी जंगल में जाएं तो वहां रहने वाले परिवारों से मुलाकात करें। यदि वहां कोई भी बच्चा कुपोषित मिलता है, तो उसकी जानकारी तत्काल संबंधित जिम्मेदार महकमों को देकर बच्चे का उपचार कराएं।
हां, हमारे पास एक पत्र आया है। जिसमें हमारे विभाग को भी अब कुपोषण मिटाने के लिए संबंधित विभागों की मदद करना है। दूरस्थ जंगल में महिला बाल विकास या स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं जाते हैं, वहां हमारे कर्मचारी कुपोषित बच्चों को चिन्हित करजिम्मेदारों को बताएंगे।।
आरएस कोरी, वन मंडलाधिकारी


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