सीकर. जिले के 99 फीसदी सरकारी उच्च प्राथमिक स्कूल अब बिना संस्था प्रधान संचालित होंगे। शिक्षा विभाग की आरटीई के अनुपात में संस्था प्रधान लगाने की कवायद के चलते एेसा होगा। जिसके मुताबिक केवल उन्हीं उच्च प्राथमिक स्कूलों में संस्था प्रधान नियुक्त किए जाने की तैयारी चल रही है, जहां कक्षा 6 से 8 का नामांकन 100 या उससे ज्यादा है। अब चूकि जिले में एक फीसदी स्कूल भी नामांकन का यह आंकड़ा पार नहीं कर पा रही है। एेसे में जिले की 99 फीसदी स्कूलों पर बिना संस्था प्रधान होने के साथ इनमें नियुक्त संस्था प्रधानों पर भी स्कूल छूटने का संकट गहरा गया है।
महज 6 स्कूल में रहेंगे संस्था प्रधान
आरटीई के अनुपात में संस्था प्रधान नियुक्त करने पर जिले में महज 6 स्कूल में ही संस्था प्रधान होंगे। क्योंकि जिले की 719 में से 713 स्कूल संस्था प्रधान के लिहाज से आरटीई का मापदंड पूरा नहीं कर रहे हैं। जिले के केवल 6 स्कूलों में ही कक्षा 6 से आठ में 100 या उससे ज्यादा नामांकन आया है।
224 संस्था प्रधानों पर लटकी तलवार
शिक्षा विभाग की इस कवायद से जिले के 224 संस्था प्रधानों पर तलवार लटक गई है। क्योंकि जिले में 450 उच्च प्राथमिक स्कूलों में संस्था प्रधान नियुक्त हैं। जिनमें से 220 तो पातेय वेतन पर नियुक्त हैं, लेकिन 230 प्रधानाध्यापक नियमित हैं। एेसे में 100 नामांकन वाले छह स्कूलों के संस्था प्रधान निकाल दें, तो बाकी 224 संस्था प्रधानों पर स्कूल छूटने का संकट गहरा गया है।
तो माध्यमिक शिक्षा में जाना होगा
स्कूलों से संस्था प्रधान हटाए जाने पर उन्हें माध्यमिक शिक्षा विभाग में भेजा जा सकता है। क्योंकि प्रारंभिक शिक्षा विभाग में द्वितीय श्रेणी शिक्षक को अन्य पद नहीं होने पर शिक्षा विभाग के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं रहेगा। हालांकि चर्चा है कि नामांकन के नियम में थोड़ी छूट देकर कुछ संस्था प्रधानों को स्कूलों में रखा भी जा सकता है।
शिक्षकों की कवायद जारी
इधर, सरकारी स्कूलों में आरटीई के अनुपात में शिक्षक नियुक्त करने की कवायद अब भी जारी है। शासन सचिव के निर्देश पर जिन स्कूलों में आरटीई के अनुपात में शिक्षक ज्यादा हैं, उन्हें आवश्यकता वाले स्कूल में भेजा रहा है।
हां, यह सही है कि आरटीई के अनुपात में संस्था प्रधानों की सूची निदेशालय ने मांगी है। लेकिन, इसका उद्देश्य अभी तक साफ नहीं हुआ है। शिक्षकों को आरटीई मापदंडों के मुताबिक लगाने का काम लगभग पूरा हो गया है।
विक्रम सिंह शेखावत, एडीईईओ, जिला प्रारंभिक शिक्षा विभाग