अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने उन्हें संत समुदाय से अलग कर दिया है और उज्जैन आने पर पाबंदी लगा दी है। फिर भी राधे मां के आश्रम के लिए जमीन आवंटित हुई है…।
उज्जैन। सिंहस्थ-2016 इस बार अलग हटकर होगा। श्रद्धा, भक्ति, आस्था और भावना के अलावा अजीबोगरीब रंग-ठंग भी देखने को मिलेंगे। सिंहस्थ का यह आयोजन परंपरा से अलग नजर आएगा।
इस दफा पहली बार महिला साधुओं का अखाड़ा नजर आएगा, वहीं किन्नर समुदाय की संत भी यहां डेरा जमाने वाली है। इतना ही नहीं सिंहस्थ में श्रद्धालुओं के बीच I Love You की आवाजें भी गूंजेगी और श्रद्धालुओं पर लाल गुलाब भी फेंका जाएगा। कुल मिलकर धरम, आस्था और परंपराओं के इस मेले में ग्लैमर का तड़का भी लगने जा रहा है।
जी हां, यदि राधे मां सिंहस्थ में पहुंच गई तो यहां लाल कृपा बरसेगी। जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर राधे मां भी इस सिंहस्थ में पहुंचने की तैयारी में है। हालांकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने उन्हें संत समुदाय से अलग कर दिया है और उनके उज्जैन आने पर पाबंदी लगा दी गई है।
राधे मां के लिए भी बन रहा है आश्रम
महामंडलेश्वर नगर में अन्य संतों की तरह राधे मां को भी जमीन आवंटित हुई है। उनके लिए उज्जैन के अंबोदिया तिराहे पर करीब 18.86 लाख वर्गफीट की जमीन दी गई है। उनके सचिव संजीव गुप्ता कहते हैं कि राधे मां के खिलाफ भ्रामक प्रचार कर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। उनके शिविर में देश-विदेश से बड़ी संख्या में भक्त आएंगे। इस क्षेत्र में राधे मां समेत 200 से अधिक संतों के शिविर बन रहे हैं। राधे मां के साथ हजारों महिलाएं भी पहुंचेंगी, जो शिविर में शिरकत करेंगी।
यह है राधे मां के अनेक रूप…।