सिंगरौली। दहेज को लेकर महिला को मौत के घाट उतारने के तीन साल पुराने प्रकरण में अदालत ने पति व जेठानी को दोषसिद्ध करार दिया व दोनों को उम्र कैद व जुर्माने से दण्डित किया। दहेज हत्या की उक्त घटना जियावन थानान्तर्गत जोगिनी गांव में 16 अक्टूबर 2013 को भगवानलाल (25) पुत्र सुभगलाल साकेत व उसकी भाभी अनारकली (30) पत्नी धनीलाल साकेत ने अंजाम दी।
आजीवन कारावास व 2000-2000 रुपए का अर्थदण्ड
अदालत में दोनों आरोपियों पर आई्रपीसी की धारा 498 ए व 304 बी विकल्पित धारा 302 के अधीन विचरित किया गया। अपर सेशन न्यायाधीश उमेशचंद्र मिश्र ने बुधवार शाम खुली अदालत में भगवानदास को 302 तथा अनारकली को 302/34 के तहत आजीवन कारावास व 2000-2000 रुपए का अर्थदण्ड सुनाया। साथ ही दोनों अभियुक्तों को धारा 498 ए के तहत 3-3 वर्ष कारावास व 500-500 रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया गया।
ससुर ने दी पुलिस को सूचना
सुभगलाल ने 16/10/2013 को पुलिस को सूचना दी कि उसकी बहू सीताकली शाम को अपने पुत्र को भाई राहुल को सौंपकर शौच के लिए गई जो नाले में गिर गई। उसका कं्रदन सुनकर बुद्धीराम साकेत आदि मौके पर पहुंचे तो वह अपने पति को बुला रही है। सूचना पर ससुर सहित परिजन उसे घर ले आए जहां कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई।
पीएम में निकली चोटें
दूसरे दिन अनुविभागीय अधिकारी पुलिस पीएल कुर्वे तथा कार्यपालन मजिस्ट्रेट देवसर एके मिश्रा आदि मौके पर पहुंचे। मृतका के दाहिने हाथ व पसली में चोटें साफ दिख रही थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीठ, गर्दन, चेहरे और कान पर चोटों के निशान पाए गए। पीठ की चोट में खून जमा हुआ था। पीएम में उक्त चोटें कठोर व भोथरी वस्तु से 24 घंटे में कारित होना सामने आया। उसका लीवर भी वजनी हथियार से क्षतिग्रस्त होना बताया गया।
भाई ने किया खुलासा
मृतका का भाई राहुल घटना के दिन घर पर ही था। जब बहन सीताकली शाम को देर तक घर नहीं लौटी तो वह नाले की ओर गया जहां भगवानदास व अनारकली सीताकली से मारपीट करते नजर आए।
देवर को उकसाती थी अनारकली
वर्ष 2007 में सीताकली का भगवानदास से विवाह हुआ था। कुछ समय बाद ही पति मोटरसाइकिल, फ्रिजी, कूलर आदि की मांग करते हुए उसे प्रताडि़त करने लगा। जेठानी अनारकली दहेज के लिए प्रताडि़त करने के लिए भगवानदास को उकसाती थीं।