छोटे भवन में बड़ा अस्पताल
सिरोहीPublished: Nov 28, 2015 05:36:00 am
केवल वाहवाही लूटने के चक्कर में किए गए काम देखने हो तो स्वास्थ्य सेवाओं का काम देखा जा सकता है।
सिरोही।केवल वाहवाही लूटने के चक्कर में किए गए काम देखने हो तो स्वास्थ्य सेवाओं का काम देखा जा सकता है। यहां उप केंद्र से सीधे ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के रूप में अस्पताल तब्दील कर रखा है। यहां तक तो ठीक है, लेकिन अस्पताल दो साल पहले क्रमोन्नत हुआ और चलायमान भी है, लेकिन आज भी उप केंद्र के दड़बेनुमा जर्जरहाल भवन में ही संचालित हो रहा है। यहस्थिति जिला मुख्यालय से सटे कृष्णगंज गांव की है।
निवास की जगह कार्यालय
कुछ समय पहले यहां एएनएम के रहने के लिए दो कमरे का नया क्वार्टर बनाया गया, लेकिन यह क्वार्टर कुछ समय से बंद ही था।इसी दौरान उप केंद्र भवन को सीएचसी में तब्दील कर दिया गया। ऐसे में सीएचसी बन जाने के बाद इस क्वार्टर को ही अब डॉक्टर चैम्बर व कभी-कभार मीटिंग हॉल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। एक कमरे में दवाइयां और अस्पताल के लिए आया अन्य सामान भरा हुआ है।
दो पलंग लगाकर बनाया वार्ड
पूर्व में यहां उप केंद्र ही संचालित था। इसलिए भवन महज दो कमरे का है। यह भी जर्जर हो रहा है। खिड़कियां उखड़ी हुई है तथा बिजली की वायरिंग तक नदारद है। उजाले के लिए अस्थायी तौर पर वायर लगा कर बल्ब लटकाए गए हैं।लेबर रूम के नाम पर एक कमरे को तैयार किया गया है, लेकिन यह नाकाफी है। दवा वितरण के लिए भी कामचलाऊ व्यवस्था है। एक कमरे को दो पलंग लगाकर वार्ड का रूप दिया गया है।
बायोवेस्ट निस्तारण के प्रबंध नहीं
सीएचसी होने के बावजूद यहां संक्रमण रोकने के कोई प्रबंध नहीं है। यहां तक कि ड्रिप, सीरिंज, सुईं, खून सनी पट्टियां, रूई समेत अन्य सामग्री भी इधर-उधर ही फेंकी जाती है। इसके लिए न तो समुचित डिब्बे लगा रखे है और न ही निरस्तारण की व्यवस्था कर रखी है। महज एक गत्ते के डिब्बे में सामग्री भरी जाती है, जिसे जब चाहे तब कहीं डाल आते हैं।
भवन बनेगा तब होगा…
यहां भवन बन जाने के बाद ही व्यवस्थाएं दुरुस्त हो सकती है।हालांकि अस्पताल के लिए जमीन आवंटित हो चुकी है और भवन के लिए बजट को लेकर पत्राचार चल रहा है, लेकिन अभी तक बजट मिला नहीं है।- डॉ. सुशीलकुमार परमार, सीएमएचओ, सिरोही