…फिर निरक्षरों से कैसी उम्मीदें
उच्च शिक्षा प्राप्त करने
वाले शिक्षित यूथ बिग्रेड ही गलती कर दें तो निरक्षरों से उम्मीदें संजोए रखना
बेमानी
सिरोही।उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले शिक्षित यूथ बिग्रेड ही गलती कर दें तो निरक्षरों से उम्मीदें संजोए रखना बेमानी होगी। यहां बात हो रही मतदान की। जी हां, जिला मुख्यालय के राजकीय महाविद्यालय व महिला महाविद्यालय में बुधवार को छात्रसंघ चुनाव 2015 हुए। महाविद्यालय में चुनाव तो शांतिपूर्ण तरीके से हो गए, लेकिन यह चुनाव कुछ प्रश्न छोड़ गया।
इस चुनाव में केवल राजकीय महाविद्यालय से 369 मत रद्द हो गए। जबकि महिला महाविद्यालय में 59 मत रद्द हो गए। ऎसे में सवाल रह गया कि आखिर में शिक्षित होकर भी यूथ बिग्रेड अपने ही मत को सही तरीके से नहीं कर पाए तो निरक्षरों से क्या उम्मीद कर सकते है। छात्रसंघ चुनाव में शहर के महाविद्यालय में दो हजार सात सौ 27 मतदाताओं में से दो हजार 32 मतदाताओं ने मतदान किया था।
तो बदल सकते थे समीकरण
शहर के राजकीय महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष के लिए रोमांचक मुकाबला रहा। अगर चुनाव में अधिकांश मत खारिज नहीं हुए होते तो चुनाव परिणाम के समीकरण बदल सकते थे। रोमांचक मुकाबले में एबीवीपी के नारणाराम ने निर्दलीय प्रत्याशी को 31 मत से हराया। ऎसे में अध्यक्ष पद के लिए 141 हुए रद्द मत खारिज नहीं हुए होते तो हार-जीत में भी अंतर दिखता।
अध्यक्ष के सबसे अधिक रद्द
अध्यक्ष पद के प्रत्याशी एक-एक विद्यार्थी से मिलकर मत मांग रहे थे। राजकीय महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव चार पदों के लिए हुए, लेकिन दिलचस्प बात यह रही कि चुनाव में पदों के अनुसार मत भी रद्द होते गए।
इसमें अध्यक्ष पद के ही सबसे अधिक 141 मत रद्द हुए। इसके बाद उपाध्यक्ष पद के 124, संयुक्त सचिव के 70 एवं महासचिव के 34 मत रद्द हुए। जबकि महिला महाविद्यालय में अध्यक्ष पद के 6, उपाध्यक्ष के 19, महासचिव के 22 एवं संयुक्त सचिव के 12 मत रद्द किए गए।