न्यायपालिका के निर्णय का एक स्वर से सभी सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने स्वागत किया है।
सीतापुर. सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पूर्व राष्ट्रगान बजाने के साथ स्क्रीन पर तिरंगा दिखाई दे, सर्वाेच्च न्यायालय ने ये आदेश दिया है। देश के सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार लोगों को ऐसा महसूस होना चाहिए कि यह मेरा देश और मेरी मातृभूमि है। न्यायपालिका के निर्णय का एक स्वर से सभी सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने स्वागत किया है। पत्रिका ने न्यायालय के इस निर्णय को लेकर कई अलग-अलग संस्थाओं के जिम्मेदार लोगों से बात की। सभी ने एक स्वर से निर्णय का स्वागत किया।
महमूदाबाद के समाजसेवी संगठन स्व. प्रभाव जैन मानव सेवा समिति के सचिव पंकज जैन ने कहा कि इस निर्णय से लोगो में देश के प्रति प्रेम उत्पन्न होगा, निर्णय काफी सराहनीय है। वहीं लायर्स एसोसिएशन अध्यक्ष उमेश गुप्त ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि फिल्मों में बहुत कुछ बहुत प्रकार का दिखाया जाता है। फिल्म शुरू होने के पूर्व राष्ट्रगान करने के आदेश से लोगो में देश व मातृभूमि के प्रति राष्ट्रभक्ति का भाव जगेगा। शायद यही कोर्ट की मंशा है कि प्रत्येक नागरिक में देशप्रेम का भाव जागृत हो। संकटा देवी मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष आर.के. वाजपेयी ने कहा कि फिल्म शुरू होने के पूर्व राष्ट्रगान की शुरूआत आम जनमानस को सीधे राष्ट्रभाव से जोडने जैसा आदेश है। इसको सभी को आदर व सम्मान के साथ अपनाना चाहिए। आदर्श गांजर ग्रामीण उत्थान सेवा समिति के संस्थापक राजेश सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का सिनेमाघरों में फिल्म शुरू करने के पूर्व राष्ट्रगान कराने सम्बंधी निर्णय पूरी तरह स्वागत योग्य है।