script1971 से आज तक शहीद भाई के स्मारक जाकर राखी बांधती है ये बहन | Amitpal kaur still tie Rakhi to martyr brother since 1971 | Patrika News

1971 से आज तक शहीद भाई के स्मारक जाकर राखी बांधती है ये बहन

Published: Aug 18, 2016 02:48:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

कमलजीत सिंह 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हो चुके थे, लेकिन पिछले 44
साल से उनकी बहन हर रक्षाबंधन पर उनकी कलाई पर राखी बांधना नहीं भूलती हैं

amritpal kaur

amritpal kaur

जालंधर। आज देश भर में बहन और भाई के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन त्यौहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जो भाई-बहन के प्यार को और भी गहरा कर देगी। यह कहानी जालंध र की रहने वाली अमृतपाल कौर और उनके भाई कमलजीत सिंह की है। कमलजीत सिंह 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हो चुके थे, लेकिन पिछले 44 साल से उनकी बहन हर रक्षाबंधन पर उनकी कलाई पर राखी बांधना नहीं भूलती हैं।

बता दें कि अमितपाल कौर शहीद कमलजीत सिंह की याद में बनाए गए स्मारक पर जाकर राखी बांधती हैं। उनका कहना है कि शहीद कमलजीत सिंह का परिवार पिछले 44 साल से इस परंपरा को निभा रहा है। बीते साल से बड़ी बहन अमृत पाल सिंह हर साल भारत-पाक सीमा पर बसे सिंबल स्कोल पर बने इस स्मारक पर आया करती थी, लेकिन उसके गुजर जाने के बाद छोटी बहन उनकी छोटी बहन अमित पाल कौर शहीदी स्मारक पहुंची और सीमा पर तैनात बीएसएफ के दूसरे जवानों को भी राखी बांधी।

भाई की शहादत से जुड़ी स्मृतियों को याद करते हुए अमृतपाल कौर ने बताया कि 4 दिसंबर 1971 की जब उसका भाई सिंबल स्कोल पोस्ट पर तैनात था। इसी बीच पाक सेना ने हमला बोल दिया। भाई नायक कमलजीत सिंह पाक सेना से लोहा लेते हुए गांव वासियों को सुरक्षित जगह पर जाने के लिए कहता रहा। आखिर में पाक सेना की ओर से दागी गोलियां कमलजीत को भेद गईं और वे शहीद हो गए। इस बहन के साथ सरहद पर गए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की ने बताया कि अमृतपाल कौर जैसी बहन पर समूचे राष्ट्र को नाज है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो