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‘प्रचार-तंत्र’ को कसने में जुटा केंद्र

Published: Jul 25, 2017 02:06:00 pm

Submitted by:

Mazkoor

अभी से आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटी भारतीय जनता
पार्टी परंपरागत मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी खासा ध्यान दे रही
है। ज्यादातर मंत्रियों के ट्विटर हैंडल प्राइवेट प्रोफेशनल्स देख रहे हैं।
अब केंद्र ने सरकारी प्रचार तंत्र पीआईबी में भी बड़े स्तर पर तबादले करके
इस पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है…

Center to tighten the propaganda

Center to tighten the propaganda

स्कंद विवेक धर
हाल ही में किसान आंदोलन, वस्तु एवं सेवाकर के क्रियान्वयन और गोरक्षा के नाम पर हो रहे हमलों के मुद्दों पर सरकार के पक्ष को उम्मीद के मुताबिक प्रचारित नहीं कर पाने के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार अपने आधिकारिक ‘प्रचार-तंत्र’ से नाखुश है। केंद्र ने सरकारी प्रचार तंत्र को कारगर बनाने के लिए इसे कसना भी शुरू कर दिया है। पिछले हफ्ते ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देशभर में प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी), दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडिया, डीएवीपी के लगभग डेढ़ सौ अधिकारियों का तबादला कर दिया है।

एक-एक करके किया जा रहा रिलीव
पीआईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रिका को बताया कि सूचना सेवा के अधिकारियों के हर साल 20-30 ट्रांसफर होते रहे हैं, लेकिन दो दिन में डेढ़ सौ अधिकारियों का ट्रांसफर पहली बार हुआ है। इतनी अधिक संख्या होने के कारण कई विभागाध्यक्ष ट्रांसफर हुए अधिकारियों को रिलीव नहीं कर रहे हैं। ट्रांसफर के आदेश जारी हो गए हैं, लेकिन एक साथ इतने अधिकारियों को रिलीव करने से काम ही रुक जाएगा। ऐसे में ट्रांसफर आदेश आ जाने के बावजूद अधिकारियों को एक-एक कर रिलीव किया जा रहा है।

सोशल मीडिया के लिए प्राइवेट प्रोफेशनल्स
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी ने पत्रिका को बताया कि कि पुराने ढर्रे पर काम करने वाला सरकारी प्रचार-तंत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टाइल से तालमेल नहीं बैठा पा रहा है। नई सरकार का फोकस परंपरागत मीडिया के साथ न्यू मीडिया खासकर सोशल मीडिया पर भी है। अधिकारी ने बताया कि अधिकतर मंत्रालयों में सोशल मीडिया को संभालने के लिए प्राइवेट प्रोफेशनल्स को नियुक्त किया गया है। इतने के बावजूद अगर आधिकारिक प्रचार तंत्र बात को जनता तक नहीं पहुंचा सकेगा तो शासन को इसमें बदलाव करने होंगे।

पीआईबी के हैं अपने दावे…
पीआईबी के सूत्रों की मानें तो नई सरकार के पहले ही दिन से विभाग ने सरकार के साथ कदमताल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मंत्रियों के निजी ट्विटर हैंडल को भले प्राइवेट प्रोफेशनल्स संभाल रहे हों, लेकिन मंत्रालयों को आधिकारिक ट्विटर हैंडल पीआईबी के अधिकारी ही संभाल रहे हैं। अधिकारियों के बीच हर सप्ताह प्रतियोगिता भी होती है कि किसके मंत्रालय के ट्विटर हैंडल के धिक फॉलोअर हैं। एक अधिकारी ने यह भी कहा कि हमारी सीमाओं को समझा जाना चाहिए। हम किसी राजनीतिक मुद्दे पर दखल नहीं दे सकते।

मंत्रालय को मिला नया मुखिया
इधर, पूर्व कैबिनेट मंत्री एम. वेंकैया नायडू के उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नया मुखिया भी मिल गया है। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को इस बड़े मंत्रालय की जिम्मेदारी अंतरिम तौर पर सौंपी गई है। ईरानी के मीडिया और इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के अनुभवों को देखते हुए यह माना जा रहा है कि अगले कैबिनेट विस्तार में उनके पास यह मंत्रालय स्थाई तौर पर आ सकता है। हालांकि, भाजपा के दूसरे बड़े नेता भी इस मंत्रालय पर आंखें गड़ाए बैठे हैं।
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