अब कहीं भी, कभी भी नहीं थूक पाएंगे आप, बनेगा कानून
Published: Jul 21, 2016 09:07:00 am
कहीं भी और कभी भी थूकने की भारतीय पुरुषों की आदत से आमजन ही नहीं संसद और सरकार भी परेशान है
नई दिल्ली। कहीं भी और कभी भी थूकने की भारतीय पुरुषों की आदत से आमजन ही नहीं संसद और सरकार भी परेशान है। आलम ये है कि थूकने की आदत सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने कानून का सहारा लेने का फैसला लिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के मुताबिक, थूकने की आदत पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों को सख्त कानून बनाने के लिए निर्देश जारी कर रही है। भारतीय पुरुषों की थूकने की गंदी आदत का मुद्दा राज्य सभा में उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मोहम्मद नदीमुलहक ने कहा, ‘भारत थूकने वाला देश है। जब हम ऊब रहे होते हैं, तब हम थूकते हैं, जब हम थके होते हैं, तब भी हम थूकते हैं, हम गुस्से में होते हैं, तब थूकते हैं, कई बार तो सिर्फ थूकने के लिए थूकते हैं। हम कभी भी और कहीं भी थूकते हैं।’
हक ने आगे कहा कि हमें धूम्रपान के नुकसान तो पता हैं, लेकिन थूक से क्या नुकसान हो सकते हैं इसका कोई भी अध्ययन नहीं किया गया है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि इस आदत पर रोक लगाने के लिए कोई केंद्रीय कानून मौजूद नहीं है। हालांकि, कुछ राज्यों ने इसे लेकर कानून बनाए हैं।
इन राज्यों में पहले से कानून
सार्वजनिक रूप से थूकने पर रोक लगाने वाला गोवा देश का पहला राज्य है। गोवा के बाद पश्चिम बंगाल में भी थूकने पर कानूनन रोक लगा दी है। इसके अलावा, महाराष्ट्र कैबिनेट ने थूक-रोधी कानून को मंजूरी दे रही है।
चीन ने 2003 में लगाई रोक
चीन के लोगों में भी थूकने की बुरी लत थी। चीन की सरकार ने वर्ष 2003 में ही पूरे देश में सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर रोक लगा दी थी।
सार्वजनिक जगहों पर स्वच्छता एक अच्छा विचार है। स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएगा। हालांकि इसके लिए कोई अलग से बजट नहीं है।
– जेपी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री