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परमाणु कचरे से बनेगा डायमंड बैट्री

Published: Dec 13, 2016 10:36:00 am

Submitted by:

Dhirendra

परमाणु कचरे से एक ऐसा हीरा बनाया जा सकता है, जो हजारों साल तक विद्युत ऊर्जा का स्रोत बना रहेगा। इससे बनी एक बैट्री की उम्र कम से कम सौ साल होगी।

diamond battery made by nuclear waste

diamond battery made by nuclear waste

लंदन. वैज्ञानिकों ने परमाणु कचरे से बिजली स्टोर करने में सक्षम बैट्री विकसित करने में सफलता हासिल की है। उनका दावा है कि रेडियोएक्टिव गैस को कृत्रिम हीरे में बदलने का तरीका खोज लिया है। इसका उपयोग बैट्री बनाने में किया जा सकता है। ये हीरा हजारों साल तक विद्युत ऊर्जा स्रोत बनने की क्षमता रखता है। 


रेडियोएक्टिव का उत्सर्जन नहीं होगा 
ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन में जियोकेमिस्ट टॉम स्कॉट के अनुसार, रेडियोएक्टिव तत्वों से निर्मित हीरे से विद्युत निर्माण में इसे न तो किसी गतिशील उपकरण की जरूरत होती है, न ही रेडियोएक्टिव तत्व का उत्सर्जन होता है। इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित है। वे कहते हैं कि हीरे के अंदर रेडियोएक्टिव पदार्थ को प्रवेश कराकर परमाणु कचरे को विद्युत ऊर्जा के अच्छे स्रोत में बदला जा सकता है। 



डायमंड बैट्री का प्रोटोटाइप विकसित 
स्कॉट व उनकी टीम ने हाल ही में इस डायमंड बैट्री का प्रोटोटाइप प्रदर्शित किया है। इसमें निकिल के एक अस्थिर आइसोटोप का प्रयोग किया गया था। यह आइसोटोप रेडिएशन का अच्छा स्रोत होता है। आइसोटोप निकिल-63 की अद्र्ध आयु करीब 100 साल होती है। इसका मतलब यह है कि ऐसे प्रोटोटाइप बैट्री की उम्र भी लगभग 100 साल होगी। 
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