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friendship day special: अनोखी मिसाल: 100 सालों से चली आ रही है ये दोस्ती

Published: Jul 25, 2015 01:41:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

मालू और गोलछा फैमिली में तीन पीढ़ियों से देखने को मिल रही है दोस्ती की मिसाल

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रायपुर। ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे…फिल्म शोले का यह गाना आज भी हर किसी के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है। बात जब फ्रेंडशिप डे की आती है तो हर कोई यही चाहता है कि हमारी दोस्ती जय और वीरू की दोस्ती की तरह हो। यह मिसाल शहर के मालू और गोलछा फैमिली में तीन पीढियों से देखने को मिल रहा है। दोनों फैमिलीज की दोस्ती राजस्थान से चली आ रही है। आज इनकी दोस्ती नई पीढ़ी के युवाओं के लिए एक मिसाल है। 2 अगस्त को फ्रेंडशिप डे है। इसी कड़ी में पेश है दोस्ती की यह कहानी….

राजस्थान से शुरू हुई दोस्ती
राजस्थान के फलौदी शहर के कपड़ा व्यवसायी मदनचंद गोलछा और खींचन शहर के ज्वैलरी व्यवसायी सोनराज मालू की दोस्ती हुई। दोनों का बचपन साथ में राजस्थान में बीता। अलग-अलग शहर से होने के कारण कम मिलना होता था, लेकिन समय के साथ दोस्ती पक्की होती गई। दोनों बड़े हुए और रायपुर शिफ्ट हो गए। दोनों फैमिलीज पड़ोसी बन गए।



हलवाई गली में कई यादें
मदनचंद गोलछा के बेटे महावीर चंद और सोनराज मालू के बेटे हरख चंद मालू में भी काफी गहरी दोस्ती हो गई। दोनों दोस्त हलवाई गली में साथ खेलते थे। उन्होंने कई शरारतें साथ में की और एक-दूसरे को पैरेंट्स से बचाते भी थे। उन दोनों के बेटों के बीच भी दोस्ती कायम हुई।



स्कूल-कॉलेज में भी साथ की पढ़ाई
सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू के बेटे वैभव और मिलापचंद ज्ञानचंद शॉप के ऑनर महावीर चंद के बेटे पीयूष के बीच भी बचपन से दोस्ती कायम हुई। दोनों ने लिटिल फ्लॉवर स्कूल में साथ पढ़े और दुर्गा कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया। आज दोनों परिवार की दोस्ती और भी गहरी होती जा रही है।

संडे को मिलते हैं दोनों दोस्त
हरख मालू ने बताया कि अलग-अलग व्यवसाय होने के कारण अन्य दिन टाइम नहीं मिल पता है, लेकिन संडे की शाम मेरे दोस्त महावीर के नाम होता है। दोनों साथ में बैठते हैं और हलवाई गली की कई यादें ताजा हो जाती है। बचपन से लेकर अभी तक की कई यादें हैं, जिन्हें याद करने से मन गुदगुदाने लगता है।

सुख-दुख में होते हैं साथ
मालू और गोलछा परिवार आज की पीढ़ी के लिए मिसाल है। दोनों परिवार हर सुख-दुख में साथ होते हैं। महावीर गोलछा कहते हैं कि दोनों एक ही परिवार है। महिलाएं और बच्चों के बीच काफी लगाव है। दोनों परिवारों का संबंध सगे-संबंधियों से भी बढ़कर है।

दोस्ती के मायने
हरख मालू कहते हैं कि आज की दोस्ती में स्वार्थ छुपा होता है। बच्चों में दोस्ती के मायने बताने होंगे। दोस्त का मतलब हर खुशी और गम में साथ होना होता है।
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