नई दिल्ली। करीब 22 साल पहले
12 मार्च 1993 को
मुंबई में सीरियल बम धमाके किए गए थे, जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी। 700 लोग घायल हुए थे। इस हमले का मास्टर माइंड
अंडरवल्र्ड सरगना दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन को माना गया।
मुंबई हमले से दो दिन पहले
याकूब मेमन परिवार सहित भारत से भाग गया था। बताया जा रहा है कि वह पाकिस्तान के रास्ते दुबई गया था। याकूब 18 महीने तक यूएई और पाकिस्तान में रहा था। 5 अगस्त 1994 को याकूब को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि याकूब ने दावा किया था कि उसने 28 जुलाई को नेपाल में आत्मसमर्पण कर दिया था।
30 जुलाई 1962 को पैदा हुआ याकूब मेमन
डी कंपनी का सबसे बड़ा सिपहसालार था। यही मुंबई धमाकों का प्लांटर भी है। इस मामले में यह पहली सजा है। याकूब को गुरूवार सुबह 7 बजे नागपुर जेल में फांसी पर लटका दिया गया है। याकूब बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज था। मेमन परिवार में याकूब ही एक ऎसा इंसान था जो सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा था। याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन 1993 में हुए मुंबई बम धमाके में शामिल आरोपियों में से एक था।
याकूब पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट था। बड़े भाई टाइगर मेमन के गैर-कानूनी धंधों का हिसाब-किताब वही रखता था। जेल में रहते हुए भी उसने पढ़ाई की। एमए सेकंड ईयर की परीक्षा दी, साथ ही इग्नू से अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। याकूब मुंबई धमाकों के मुख्य आरोपी इब्राहिम मुश्ताक टाइगर मेमन का भाई है।
21 मार्च 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने मेमन को दोषी करार देकर फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं याकूब मेमन की पत्नी राहीन ने कहा था कि तब मेरी बेटी का जन्म होने वाला था। यह भी एक कारण है कि हम जल्दबाजी में भारत लौट आए। याकूब अपनी मर्जी से 19 जुलाई 1994 को भारत आया, फिर भी साजिशन उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
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