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खुद किया सियाचिन जाने का फैसला, 2 साल की बेटी कर रही है इंतजार

Published: Feb 10, 2016 07:52:00 pm

33 साल के हनुमनथप्पा कर्नाटक में धारवाड़ जिले के रहने वाले हैं, उनकी पत्नी का नाम महादेवी है

Lance Naik Hanumanthappa

Lance Naik Hanumanthappa

नई दिल्ली। सियाचिन ग्लेशियर पर टनों बर्फ में छह दिन तक दबे रहने बाद जीवित निकाले गए लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पाड सामान्य सैनिक नहीं हैं। लांस नायक ने अपने अबतक के करियर के दौरान हमेशा शांति वाले इलाकों की बजाय खतरनाक इलाकों में पोस्टिंग ली है। वे 25 अक्टूबर 2002 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। सेना में अपने 13 साल के करियर में उन्होंने 10 साल तक का समय कठिन और चुनौती भरे क्षेत्रों में ही बिताया है।

फोटो- हनुमनथप्पा के माता और पिता।

सेना के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि लांस नायक हनमनतप्पा ने 13 साल की नौकरी में 10 साल ऐसी जगहों पर बिताए हैं, जहां पोस्टिंग काफी खतरनाक समझी जाती है। सेना के अधिकारी ने बताया कि कर्नाटक के हनुमनथप्पा ने 25 अक्टूबर 2002 को मद्रास रेजिमेंट की 19वीं बटालियन को जॉइन किया था। उन्होंने शुरुआत से ही चुनौतीपूर्ण पोस्टिंग को तरजीह दी। सेना के अधिकारी ने बताया कि हनमनतप्पा 2003 से 2006 तक जम्मू-कश्मीर के महोर में पोस्टेड रहे। वहां उन्होंने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 

एनडीएफबी और उल्फा आतंकियों के खिलाफ की जंग
इसके बाद हनुमनथप्पा स्वेच्छा से मद्रास रेजिमेंट की 19वीं बटालियन में आ गए। जहां वे 2008 से 2010 तक रहे। अपने कार्यकाल के दौरान वो अदम्य साहस और वीरता से आतंकवाद से लड़े। 2010-2012 में भी हनुमानथप्पा ने स्वेच्छा से ही एनडीएफबी और उल्फा के खिलाफ लडऩे के लिए उत्तर पूर्व में अपनी पोस्टिंग कराई। वहां भी वे वीरता से लडें़। आज भी मद्रास रेजिमेंट में उनके सीनियर उनकी तारीफ करते हैं।


खुद ही किया सियाचिन ग्लेशियर जाने का फैसला
सियाचिन ग्लेशियर पृथ्वी का सबसे ऊंचा (19600 फीट) युद्धस्थल है। वहां सिर्फ बर्फ ही बर्फ होती हो ऐसी जगह देश की सेवा करने का चुनाव भी 2015 में हनुमानथप्पा ने खुद ही किया था। आपको बता दें कि 1984 के बाद से पिछले 30 सालों में 846 जवान यहां जान गवां चुके हैं। यहां हवा एक सेकंड में 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार पार कर जाती है। हनुमनथप्पा के साथी बताते हैं कि उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है और सभी लोगों के साथ उनका व्यवहार बहुत सौहार्दपूर्ण रहता है।

पत्नी ने मंदिर जाकर की पूजा

दो साल की बेटी कर रही है पिता का इंतजार
33 साल के हनुमनथप्पा कर्नाटक में धारवाड़ जिले के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी का नाम महादेवी है। 6 दिन बाद जब उनको ये खबर मिली कि वो जिंदा हैं तो महादेवी बहुत खुश हुई थीं। उन्होंने कहा कि वो ये जानकर बहुत खुश हैं कि उनके पति जिंदा हैं। वो उन्हें देखना चाहती हैं। उनकी एक 2 साल की बेटी भी है जिसका नाम नेत्रा कोप्पाड है। लांस नायक के माता और पिता हमेशा उनको देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करते हैं।
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