scriptइन छात्राओं को सलाम, महिलाओं को कर रहीं फूड बिजनेस के लिए तैयार  | IGDTU girls beat IITs innovative projects by helping women to setup her food buisness | Patrika News
खास खबर

इन छात्राओं को सलाम, महिलाओं को कर रहीं फूड बिजनेस के लिए तैयार 

 छात्राओं के इस प्रोजेक्ट का नाम खिदमत है।  देश के तमाम विश्वविद्यालयों के इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स में जीत हासिल की। आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी इंदौर की टीम को भी पछाड़ दिया।

Aug 26, 2016 / 03:39 pm

रोहित पंवार

food business by students

food business by students

rohit.panwar@in.patrika.com


नई दिल्ली. देश की पहली वुमेन टेक्निकल यूनिवर्सिटी आईजीडीटीयू की छात्राओं से मिलिए। कॉलेज के बाद शाम में दिल्ली-एनसीआर की तंग गलियों में घूमती हैं। घर-घर जाकर महिलाओं को फूड बिजनेस शुरू करने का आइडिया देती हैं। इनकी कोशिश से अब तक कई गृहणी घर बैठे खुद का बिजनेस शुरू कर चुकी हैं। छात्राओं के इस प्रोजेक्ट का नाम खिदमत है। इन्होंने देश के तमाम विश्वविद्यालयों के इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स में जीत हासिल की। आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी इंदौर की टीम को भी पछाड़ दिया। 


बिजनेस के लिए शुरू में दिया जाता है फंड 

इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वुमेन (आईजीडीटीयू) की बीटेक की 30 छात्राओं ने छह माह पहले खिदमत प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इनका मकसद आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। प्रोजेक्ट लीडर व बीटेक की छात्रा प्राप्ति अलोक बताती हैं कि वे सभी दिल्ली के रोहिणी इलाके से लेकर एनसीआर के नोएडा तक कई महिलाओं का बिजनेस शुरू करवा चुकी हैं। इन्हें शुरू में फंड भी दिया जाता है। प्राप्ति के अनुसार, प्रोजेक्ट के लिए उन्हें विश्वविद्यालय से फंड मिलता है। बहरहाल, अब ये छात्राएं देश के अन्य शहरों में भी इस प्रोजेक्ट को शुरू करने जा रही हैं। 


पहली बारी में जीतीं

दुनियाभर में छात्रों के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एनेक्टस ने हाल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित की थी। लोगों की जिंदगी को आसान बनाने वाले प्रोजेक्ट्स को इसमें शामिल किया गया था। आईआईटी समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों की कुल 60 टीमों ने हिस्सा लिया। रुकी कैटगरी में खिदमत ने जीत हासिल की। खिदमत प्रोजेक्ट से जुड़ी अन्य छात्रा मिमांसा के अनुसार, रुकी कैटेगरी में वो टीमें हिस्सा लेती हैं जो पहली बार अपना प्रोजेक्ट पेश करती हैं। 


खुद से क्लाइंट्स बनाए

मान लीजिए अगर एक परिवार में छह सदस्य हैं तो टीम खिदमत महिलाओं को दस से बीस और लोगों के लिए खाना बनाने के लिए कहती है। जो अतिरिक्त खाना बनता है, उन्हें आसपास के दफ्तरों से लेकर ऐसे घरों में सप्लाई किया जाता है जहां से फूड का ऑर्डर मिलता है। बता दें कि ये छात्राएं ऑर्डर के लिए खुद से सर्वे करती हैं। बाकायदा डाटा बैंक बनाया गया है। सर्वे के काम में दिल्ली विश्वविद्यालय से लेकर स्कूलों के छात्रों को भी शामिल किया गया है। इन्होंने सर्वे से अब तक दिल्ली-एनसीआर में कई क्लाइंट्स बना लिए हैं। हर महिला को उनके घर के आसपास के क्लाइंट्स दे दिए जाते हैं। महिलाएं खुद से फूड सप्लाई करती हैं।


परिवार को मनाना नहीं था आसान, अब बढ़ी आय 

 नोएडा की संतोषी दास कहती हैं कि इन लड़कियों ने मेरी जिंदगी पहले से आसान बना दी। मैं घर के बाहर काम नहीं कर सकती थी। फूड का बिजनेस शुरू किया। अब अच्छे से अपनी जरूरतें पूरी कर पाती हूं। पहली कमाई से वॉशिंग मशीन ली। बहरहाल, इन छात्राओं का कहना है कि शुरुआत में कई दिक्कतें आईं। इनके परिवार को मनाना आसान नहीं था। अधिकतर ने मना किया लेकिन बार-बार समझाने के बाद ही परिवार माने। अब ये महिलाएं अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहयोग कर रही हैं। 

Home / Special / इन छात्राओं को सलाम, महिलाओं को कर रहीं फूड बिजनेस के लिए तैयार 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो