scriptईयू से अलग होने से भारतीयों छात्रों की ब्रिटेन में दिलचस्पी घटी | Indian students move from britain due to brexit | Patrika News

ईयू से अलग होने से भारतीयों छात्रों की ब्रिटेन में दिलचस्पी घटी

Published: Aug 14, 2016 02:11:00 pm

अर्थव्यवस्था का कमजोर होना, फीस महंगी होना और स्टूडेंट वीसा के कड़े नियम अहम वजहें हैं।

Indian students Britain

Indian students Britain

लंदन. ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन (ईयू) से बाहर निकलने के फैसले का असर भारतीय छात्रों पर पड़ा रहा है। ब्रिटेन सरकार जल्द स्टूडेंट वीसा के नियम कड़े बनाने जा रही है। इसके अलावा अर्थव्यवस्था भी कमजोर हुई है। इन कारणों से ब्रिटेन में पढ़ाई की इच्छा रखने वाले भारतीय ब्रिटेन से इतर अन्य देशों में विकल्प ढूंढ रहे हैं।

http://www.studentworldonline.com/userfiles/images/Students/India_students_4_british%20council.jpg


अमरीका में ट्रंप के अाने की अाहट से भी रुचि घटी

इंडियन स्टूडेंट्स मोबिलिटी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले दो सालों में ब्रिटेन में पढ़ाई के लिए आने वाले भारतीयों की संख्या तेजी से गिर रही है। न सिर्फ ब्रिटेन बल्कि अमरीका में भी छात्रों की दिलचस्पी घट रही है। हालांकि अमरीका में न जाने वाले छात्र ज्यादा नहीं हैं। शिक्षा से जुड़ी संस्थाएं कहती हैं कि अमरीका में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप चुनाव प्रचार के दौरान इमिग्रेशन के नियमों को सख्त करने पर जोर देते रहे हैं। वो साफ कह चुके हैं वह अमरीका में बाहरी लोगों को काम उपलब्ध कराने के विरोध में हैं। अमरीका की इंटरचेंज फर्म का कहना है कि ट्रंप के विचारों को देखते हुए अब भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए कम आवेदन कर रहे हैं। अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो दुनियाभर के छात्रों के लिए दिक्कतें शुरू होंगी।

http://www.themalaysiantimes.com.my/wp-content/uploads/2014/01/Indian-boys-639x320.jpg

न्यूजीलैंड बन रहा पढ़ाई का नया गढ़

 फिलहाल अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा के लिए छात्र ज्यादा जाते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से न्यूजीलैंड की यूनिवर्सिटी में आवेदन करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहां की सरकार ने स्टूडेंट वीसा और रहने के नियमों में नरमी बरती है। नए आंकड़े बताते हैं कि न्यूजीलैंड में काम करने के लिए विदेशी लोगों में सबसे अधिक भारतीय हैं। यही नहीं, इनमें से कई वहीं पर हमेशा के लिए बस चुके हैं। एजुकेशन न्यूजीलैंड के सीईओ ग्रांट मैकफर्सन कहते हैं कि स्किल, तकनीक और कारोबार के लिए न्यूजीलैंड बेहतर देश है। सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है।

http://www.vrmintel.com/wp-content/uploads/2015/09/Vacation-Rental-Manager-Fees.jpg

जेब खर्च के हिसाब से फैसला ले रहे छात्र

 ब्रिटेन के यूरोपीन यूनियन से अलग होने के बाद ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी की फीस में 15 से 40 गुना इजाफा हुआ है। विशेषकर बाहरी छात्रों की फीस बढ़ी है। खर्च बढऩे के कारण लोग न्यूजीलैंड, रुस और चीन की ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि फ्रांस और जर्मनी में भी तेजी से भारतीय आ रहे हैं। बता दें कि फ्रांस और जर्मनी को पढ़ाई के लिए अच्छे देशों में गिना जाता है। जर्मन एकेडमी एक्सचेंज सर्विस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि न सिर्फ ब्रिटेन बल्कि यूरोप के अन्य देशों में पढ़ाई का खर्च बढ़ने लगा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो