scriptलंबी शांति के बाद मिजोरम में फिर आतंकी गतिविधि | Mizoram trapped in terrorism activities, CM promises to make it secure | Patrika News

लंबी शांति के बाद मिजोरम में फिर आतंकी गतिविधि

Published: Apr 12, 2015 02:24:00 pm

मणिपुर आधारित हमार पीपुल्स कन्वेशन डेमोक्रेटिक (एचपीसी-डी) ने एक पुलिस दल पर
मिजोरम में घात लगाकर हमला किय

आईजोल। मिजोरम में शांति की चादर बिछने के करीब 30 वर्षो बाद इस बात के संकेत उभर रहे हैं कि म्यांमार और बांग्लादेश की सीमाओं के साथ सटे पूर्वोत्तर के इस राज्य में आतंकवाद फिर से अपने फन फैला रहा है।

दशकों तक विद्रोह के बाद शांति स्थापित होने के कारण मिजोरम देश का पहला और एक मात्र ऎसा राज्य है जिसे 2000-2001 में “शांति बोनस” के तौर पर 182.45 करोड़ रूपये मिले थे। यह रिकार्ड 28 मार्च को उस समय धुल गया, जब मणिपुर आधारित हमार पीपुल्स कन्वेशन डेमोक्रेटिक (एचपीसी-डी) ने एक पुलिस दल पर मिजोरम में घात लगाकर हमला किया अैर तीन पुलिसकर्मी मारे गए और इस हमले में छह अन्य घायल हो गए। मारे गए पुलिसकर्मियों में उपनिरीक्षक जोरमथारा खाल्हरिंग भी शामिल थे।

यह घटना उस समय घटी जब एक पुलिस दल आईजोल जिले में विधानसभा में उप मुख्य सचेतक आर. एल. पैनमाविआ की सुरक्षा में उनके साथ जा रहा था। यह क्षेत्र उत्तरी मिजोरम में है। घटनास्थल उत्तरी मिजोरम में स्थित है जो मणिपुर और असम से लगा हुआ है। राज्य में कई वर्षो तक शांति रहने के बाद हुए इस आतंकवादी हमले के कारण मिजोरम को एचपीसी-डी पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क साधना पड़ा। राज्य ने यह भी मांग की कि हमार जनजाति बहुल वाले राज्य के पूर्वोत्तर हिस्से को विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम-1958 के तहत गड़बड़ी वाला इलाका घोषित किया जाए।

सुरक्षा विश्लेषक मानस पाल ने कहा कि हाल के हमले ने गड़बड़ी वाली उस प्रवृत्ति को सतह पर ला दिया जिसे कुछ वर्षो से व्यापक रूप से नजरअंदाज किया गया। भारत के पूर्वोत्तर में उग्रवाद और सुरक्षा मामलों पर किताब लिख चुके पाल ने कहा कि मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) द्वारा दो दशक तक बरपाए गए आतंकवाद से मुक्ति पाने के बाद राज्य में 1986 से शांति छायी रही है।

भारतीय सेना में हवलदार रह चुके लाल डेंगा एमएनएफ के संस्थापक नेता रह चुके हैं और वह राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे। उनका समूह मुख्य धारा की राजनीति में शामिल हुआ। एचपीसी 1994 से ही मिजोरम के भीतर स्वायत्तशासी परिसर की मांग करता चला आ रहा रहा है। मिजोरम के मुख्यमंत्री लल थनहावला ने कहा कि हाल के हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों ने कई मौकों पर कानून का उल्लंघन किया है। आतंकवादियों ने हमारे पुलिसकर्मियों की हत्या कर हमें चुनौती दी है। हम इस चुनौती को स्वीकार क रेंगे।
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