सोनिया-राहुल के क्षेत्र में बंद होंगी केन्द्र की योजनाएं!
Published: Jul 04, 2016 09:06:00 am
मोदी सरकार अब कांग्रेस के सर्वोच्च नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र को विकासमुक्त बनाने की तैयारी में है
नई दिल्ली। केन्द्र की सत्ता में आने के बाद कांग्रेसमुक्त भारत का नारा बुलंद कर चुकी मोदी सरकार अब कांग्रेस के सर्वोच्च नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र को विकासमुक्त बनाने की तैयारी में है। केन्द्र सरकार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में प्रस्तावित दो बड़े प्रोजेक्ट्स को उनके क्षेत्र से वापस लेकर किसी अन्य क्षेत्र में लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
गौरतलब है कि मनमोहन सरकार ने 2014 में राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में 3650 करोड़ की लागत से जगदीशपुर पेपर मिल लगाने की अनुमति दी थी।
सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में नेशनल ऑटोमोटिव टेस्टिंग एंड आरएंडडी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की 5 हजार करोड़ की लागत के एक यूनिट को लगाने की अनुमति दी थी। लेकिन केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद से इन प्रोजेक्ट्स की प्रगति का काम ठप पड़ गया था और अब उद्योग मंत्रालय ने सोनिया और राहुल गांधी के क्षेत्र के प्रोजेक्ट्स को उस क्षेत्र के लिए अव्यवहारिक बताकर दूसरे ज्यादा व्यवहारिक जगहों पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव तैयार किया है।
आरोप, राजनीतिक फायदे के लिए था फैसला
मोदी सरकार का आरोप है कि मनमोहन सरकार के समय सार्वजनिक उपक्रम लगाने का फैसला राजनैतिक फायदे को देखते हुए लिया गया था, जिससे प्रोजेक्ट की जगह की व्यावहारिकता को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया था। इस कारण हजारों करोड़ रुपए की बर्बादी के बाद भी इस तरह लगाई गई ज्यादातर यूनिट बेहद खस्ता हालत में है या अभी तक शुरू नहीं की जा सकी। केन्द्र सरकार का कहना है कि अब कोई भी योजना सिर्फ राजनैतिक फायदें के लिए नहीं लगाई जाएंगी। योजना के लिए उचित इंफ्रास्ट्रक्चर,कनेक्टिविटी और कच्चे माल की उपलब्धता के साथ ही सही भौगोलिक स्थिति भी ध्यान में रखना जरूरी होगा।