scriptMP में दोस्ती की अनोखी मिसाल, मिल गए दो मजहब  | MP: Hindu-Muslim friendship | Patrika News

MP में दोस्ती की अनोखी मिसाल, मिल गए दो मजहब 

Published: Apr 28, 2015 07:37:00 am

शब्बीर हुसैन बादशाह अपने परिवार से ज्यादा तवज्जो अपने मरहूम हिंदू दोस्त के परिवार को दे रहे हैं

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धार। अक्सर फिल्मो मे एक काल्पनिक कहानी होती है कि एक दोस्त के जाने के बाद दूसरा दोस्त परिवार को सहारा देता है, पर आज ये कहानी हकीकत के रूप मे धार मे देखने को मिलती है। मजहब से ऊपर उठकर शब्बीर हुसैन बादशाह अपने परिवार से ज्यादा तवज्जो अपने मरहूम हिंदू दोस्त के परिवार को दे रहे हैं।

बचपन की दोस्ती बीच मे टूटी
बादशाह और ताराचंद प्रजापत बचपन के दोस्त हैं। प्रजापत बस स्टैंड पर रहते हैं और हुसैन बोहरा बाखल मे। हुसैन ने एक छोटी सी साइ किल की दुकान डाली। दोनो दोस्तो मे खूब जमती थी। सुबह से लेकर शाम तक साथ रहते थे। 2001 मे ताराचंद प्रजापत की मौत हो गई और दोनो दोस्त बिछड़ गए।

शादी के कार्ड मे पिता के साथ बादशाह भी
अमूमन हिंदू परिवार मे होने वाली शादी के कार्ड मे परिवार के मुखिया का नाम रहता है, लेकिन प्रजापत परिवार मे 2 मई को होने वाली शादी मे प्रेषक के रूप मे शब्बीर हुसैन का नाम दिया गया है। शब्बीर के बाद ताराचंद के बेटे मनीष का नाम है। इतना ही नहीं पत्रिका के अंदर दर्शनाभिलाषी मे शब्बीर के बेटे अली असगर का नाम है।


अमित एस. मंडलोई 
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