Net Neutrality: ट्राई को 24 घंटे में आए एक लाख मेल
इंटरनेट यूजर्स का एक सुर में कहना है कि इस पद्धति को किसी भी सूरत में खत्म नहीं किया जाए
नई दिल्ली। नेट न्यूट्रैलिटी को लेकर देश में आवाज तेज हो गई है। टेलीकॉम कंपनियां इसे खत्म करने के पक्ष में हैं। वहीं इंटरनेट यूजर्स का एक सुर में कहना है कि इस पद्धति को किसी भी सूरत में खत्म नहीं किया जाए। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण(ट्राई)ने लोगों से नेट न्यूट्रैलिटी के संबंध में राय मांगी थी।
इस पर 24 घंटे के भीतर ही ट्राई को एक लाख से ज्यादा ई-मेल प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से 27 हजार मेल नेट न्यूट्रैलिटी के पक्ष में है। इस संबंध में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद को चेंज डॉट ओआरजी वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन याचिका भी दायर की गई है। इसको अब तक करीब डेढ़ लाख लोगों का समर्थन मिल चुका है।
क्या है मामला और क्यों है विवाद?
नेट सेवा प्रदाता कंपनियां किसी साइट/ डाटा के इस्तेमाल को समान दर्जा देंगी। समान कीमत लेंगी। अब तक एक डाटा पैक पर हर सेवा का इस्तेमाल किया जाता है। कंपनियों का कहना है कि इंटरनेट पर वॉयस कॉलिंग/ मैसेज के विकल्प से मुनाफा घटा है। ये सेवाओं के लिए अलग-अलग कीमत चाहती हैं।
क्या होगा न्यूट्रैलिटी खत्म होने पर
नेट न्यूट्रैलिटी खत्म होने की दशा में इंटरनेट पर तमाम सेवाओं (साइट) का इस्तेमाल करने के लिए अलग-अलग कीमत चुकानी होगी। उदाहरण के लिए- फेसबुक के लिए अलग राशि, व्हाट्सएप के लिए अलग, गूगल व अन्य सेवाओं के लिए अलग राशि। इसका इंटरनेट यूजर्स विरोध कर रहे हैं।
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