भारतीयों के लिए पढ़ाई के बाद कनाडा में बसना हो रहा आसान
Published: Nov 22, 2016 10:24:00 am
हायर एजुकेशन के लिए कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों के लिए पढ़ाई के बाद अब वहां बसना आसान हो जाएगा
नई दिल्ली/कनाडा। हायर एजुकेशन के लिए कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों के लिए पढ़ाई के बाद अब वहां बसना आसान हो जाएगा। नए प्रवेश कार्यक्रम ईपीपी (एक्सप्रेस इंट्री प्रोग्राम) के तहत वहां स्थाई तौर पर रहने के लिए अंकों के महत्व को घटा दिया गया है। इस वक्त कनाडा में 50 हजार भारतीय छात्र हैं और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। ट्रंप के चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद 19 नवंबर को कनाडा के नागरिकता व आव्रजन विभाग ने पूर्व के ईईपी के निर्देशों में संशोधन किया है।
अब यहां पढऩे वाले विदेशी छात्रों को कोर्स व उसकी अवधि के आधार पर अंक दिए जाएंगे। इससे पहले यहां स्थाई तौर पर रहने के लिए आवेदन करने वालों को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर 150 अंकों की जरूरत होती थी। यह सुविधा सिर्फ उनको मिलती थी, जो कनाडा में ही पढ़ रहे हो। नई व्यवस्था के तहत कनाडा के शैक्षिक क्रेडेंशियल्स के साथ आवेदकों को 30 अंक अतिरिक्त मिलेंगे। माध्यमिक शिक्षा में पढऩे वाले विदेशी छात्रों को तीन साल में 30 अंक जुटाने होंगे।
2,71,660 लोगों को 2015 में परमानेंट रेसिडेंट दिया गया था। जो कि इससे पहले के सालों के मुकाबले 4.4 फीसदी ज्यादा था। चीन, भारत व फिलिपिंस से सबसे ज्यादा लोग कनाडा जाते हैं।
630 फीसदी का इजाफा
कनाडा की इमिग्रेशन पत्रिका के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दशकों में यहां पढऩे वाले विदेशी छात्रों की संख्या दुगुनी हुई है। 2004 में यहां 1.72 लाख विदेशी स्टूडेंट पढ़ रहे थे। 2015 में इन छात्रों की संख्या 3.56 लाख पहुंच गई। 2012 के बाद कनाडा पढऩे जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 630 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2004 में यहां पढऩे वाले भारतीय छात्रों की संख्या 6,675 थी जो कि 2015 में बढ़कर 48,914 पहुंच गई। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि नए प्वाइंट सिस्टम कनाडा में शिक्षा हासिल करने की चाह रखने वाले विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
सेलेक्शन प्रोसेस हुआ आसान
कनाडा में स्थायी निवास के लिए प्वाइंट सिस्टम है। जो कि आवेदक को उसके कौशल के आधार पर दिया जाता है। इनमें वर्क एक्सपीरियंस, भाषाई योग्यता और शिक्षा शामिल है। उसके बाद आवेदकों का चुनाव किया जाता है और पूल के आधार पर उन्हें अंक दिए जाते हैं। 19 नवंबर से अंकों के महत्व में बदलाव किया गया है। इससे सलेक्शन प्रोसेस आसान हो गया है।