निष्ठुरता: अंतिम संस्कार के झमेले से बचने के लिए मां-बाप ने फेंका, लोगों में आक्रोश, नहीं हुआ मामला दर्ज
रतन दवे, बाड़मेर। दो दिन के मासूम को मौत के बाद मामूली जमीं भी मयस्सर नहीं हुई और मां-बाप की निष्ष्ठुरता ने उसे कांटों की सेज पर सुला दिया। अस्पताल में मौत के बाद अंतिम संस्कार के झमेले से बचने के लिए मां-बाप इस मासूम को परिजन कंटीली झाडि़यों में एेसे फेंक कर चले गए, जैसे कोई मांस का टुकड़ा हो, जो अपना था ही नहीं…। कंटीली झाडि़यों में उल्टे लटके कांटों से बींधे इसे निष्प्राण को जिसने भी देखा, उसकी आंखें नम हो गई। प्रथम दृष्ट्या लोगों ने यही समझा कि अनचाही बेटी आज फिर क्रूरता का शिकार हुई है, लेकिन देखा तो यह तो बेटा था।
मासूम का शव शुक्रवार सुबह चौहटन सर्किल से निकट गडरारोड पर पहाडिय़ों के बीच में झााडिय़ों में पड़ा मिला। मौके पर जमा लोगों ने पुलिस को सूचित किया। लगभग एक घण्टा बाद में पुलिस नहीं आई तो लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पत्थर डालकर जाम लगा दिया। पुलिस ने जाम खुलवाया और नगर परिषद कर्मियों को बुलाकर शव को दफनाया गया। पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है।
अपराध की श्रेणी में नहीं
पुलिस ने पता किया था, यह निकटवर्ती दरूड़ा गांव के एक दम्पती का बच्चा है। राजकीय अस्पताल में इसकी मृत्यु हुई थी। परिजनों से बात की तो उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के झंझट से बचने के लिए इस प्रकार फेंका है। यह कोई अपराध की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए मामला दर्ज नहीं किया।
बुद्धाराम विश्नोई, शहर कोतवाल, बाड़मेर