script“मोदी का मुरीद हुआ POK, होना चाहता है भारत में शामिल” | POK is impressed by Modi, wants to join India: Maulana Sayyed Athar Dahalvi | Patrika News

“मोदी का मुरीद हुआ POK, होना चाहता है भारत में शामिल”

Published: Sep 01, 2015 01:34:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

मौलाना सैयद कश्मीर में बाढ़ पीड़ितों की मदद की भी तारीफ की, उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान कश्मीर के लोगों के लिए भारतीय सेना देवदूत बनकर आई है

Maulana Syed Athar Dehlavi

Maulana Syed Athar Dehlavi

नई दिल्ली। पाक अधिकृत कश्मीर के 99 फीसदी लोग भारत के साथ आना चाहते हैं। ये लोग मोदी के शासन काल के मुरीद हो चुके हैं और पाकिस्तान से आजाद होना चाहते हैं। यह कहना है अंजुमन मिनहास ए रसूल के चैयरमैन मौलाना सैयद अथर दहलवी का। उन्होंने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर के लोग मोदी की नीती के कायल हो चुके हैं।

मौलाना सैयद कश्मीर में बाढ़ पीडितों की मदद की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान कश्मीर के लोगों के लिए भारतीय सेना देवदूत बनकर आई है। पांच दिन के कश्मीर दौरे से लौटे मौलाना ने कहा कि पीएम मोदी का बेहतर प्रशासन और जम्मू कश्मीर के प्रति उनका नजरिया दोनों ही दूसरों से बेहतर हैं। प्रेस वार्ता के दौराना उन्होंने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर भी जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि उनका वहां कोई वजूद नहीं है और उनकी राजनीतिक जमीन खत्म हो चुकी है।




कश्मीर मुद्दे के बिना भारत के साथ बातचीत नहीं: अजीज
दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के राष्ट्रीय सुरक्षा तथा विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज नेकहा कि कश्मीर मुद्दे को एजेन्डा में शामिल किए बिना उनके देश और भारत के बीच बातचीत नहीं हो सकती। अजीज का यह बयान ऎसे समय में आया है जब नियंत्रण रेखा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और पाकिस्तान रेंजर्स के महानिदेशक के बीच अगले सप्ताह मुलाकात होने वाली है।




अजीज ने एक निजी टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि गत सप्ताह उनके और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(एनएसए) के बीच होने वाली वार्ता भारत द्वारा रखी गई शर्तों के कारण सम्पन्न नहीं हो सकी। भारत का कहना है कि उसने कोई शर्त नहीं रखी बल्कि पाकिस्तान ऊफा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शरीफ के बीच हुए फैसले का उल्लंघन कर रहा है, जिसके तहत दोनों देशों के एनएसए को दिल्ली में केवल आतंकवाद और उससे संबंधित मुद्दे पर चर्चा के लिए मुलाकात करनी थी।
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