वडोदरा। मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमलों से रतन टाटा इस तरह आहत हुए थे कि वे छह महीने तक ठीक से बोल भी नहीं पा रहे थे। यह खुलासा खुद टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने किया। बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आंतकी हमलों के बाद मैं ठीक से बोल नहीं पाता था, मेरी आवाज कांप जाती थी।
इस कार्यक्रम के दौरान रतन टाटा ने बताया कि वे हर शाम घायलों से मिलने के लिए अस्तपात जाते थे। उनकी हालत देखकर वे कांप जाते थे। इस घटना ने उन्होंने अंदर तक हिला दिया था। वे काफी सेंसेटिव हो गए थे। बोलते वक्त उनकी आवाज कांपने लगती थी। उन्होंने बताया कि हमले में कई घायल ऐसे भी थे, जो कि अस्पताल का बिल नहीं दे पा रहे थे। ऐसे में उन लोगों की मदद करने के लिए हमने एक ट्रस्ट बनाया, ताकि ऐसे लोगों को किसी तरह की परेशानियों को सामना नहीं करना पड़े।
इस दौरान एक छात्र ने सवाल किया कि वे किस नेता के साथ चाय पीना पसंद करेंगे, तो उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ना सिर्फ चाय पी है, बल्कि उनके साथ पतंग भी उड़ाई है। उन्होंने बताया कि मोदी की वजह से ही नैनो प्रोजेक्ट तीन दिन में शुरु हो पाया था। आपको बता दें कि 26/11 हमलों के दौरान आतंकियों ने जिस ताज होटल को निशाना बनाया था, वह टाटा ग्रुप की एक कंपनी का है। टाटा फैमिली का इस होटल से खास लगाव है।
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