scriptपाक में बहाव वाली नदियों का होगा देशहित में इस्तेमाल | Sindhu Water Treaty: Modi govt plans to work on water projects to get maximum benefit | Patrika News

पाक में बहाव वाली नदियों का होगा देशहित में इस्तेमाल

Published: Nov 12, 2016 10:30:00 am

केन्द्र ने पाक की और बहने वाली नदियों का समुचित इस्तेमाल अपने हक में करने की तैयारी शुरू कर दी है

What is Sindhu River agreement?

What is Sindhu River agreement?

नई दिल्ली। केन्द्र ने पाक की और बहने वाली नदियों का समुचित इस्तेमाल अपने हक में करने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्र बताते है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) को 31 दिसंबर तक उन छह से ज्यादा जलविद्युत परियोजनाओं के बारे में तकनीकी और आर्थिक अध्ययन पूरा कर विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा है जिन्हे चिनाब नदी पर बनाया जाना है।

पीएमओ ने सीईए से कहा है कि चिनाब नदी पर बनने वाले 6 से ज्यादा जलविद्युत परियोजनाओं के बारे में तकनीकी और आर्थिक मूल्यांकन का मसला एक साल से लंबित है और अब इस पर तेजी से काम करने की आवश्यकता है। पीएमओ के अधिकारी की माने तो सरकार 56 साल पुराने सिंधु नदी जल समझौते के दायरे में ही इस पर आगे बढ़ेगी। 1960 में हुई जल संधि को दुनिया का सबसे उदार जल समझौता माना जाता है। इसके तहत व्यास, रावी व सतलज के ज्यादातर पानी का इस्तेमाल करने का अधिकार भारत को है, जबकि पश्चिम की ओर बहने वाली सिंधु, चिनाब व झेलम के पानी का अधिकांश इस्तेमाल पाक करता है।

मिल सकती है 5000 मेगावॉट बिजली
समझौते के तहत भारत इन नदियों के पानी से 13.4 लाख एकड़ क्षेत्र में सिंचाई भी कर सकता है। लेकिन इन नदियों से भारत अब तक 8 लाख एकड़ कृषि क्षेत्र में सिंचाई का लाभ उठा पा रहा है। सालाना 13.3 करोड़ एकड़ फीट पानी इन तीनों नदियों से होकर बहता है। समझौते के तहत इसमें 36 लाख एकड़ फीट पानी भारत अपने पास बांध बनाकर संग्रहीत कर सकता है। केन्द्र का आकलन है कि इससे देश को 5,000 मेगावॉट बिजली मिल सकती है।
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