सरकार नहीं चाहती फसल आधारित बीमा हो
केन्द्र सरकार को भेजा नया प्रस्ताव,
उपज की गारंटी बीमा योजना लागू करने का आग्रह
जयपुर। मौसम आधारित फसल बीमा को लेकर आए दिन उठ रहे सवाल और किसानों को पूरा पैसा नहीं मिलने के कारण अब राज्य सरकार नहीं चाहती कि फसलों का मौसम आधारित बीमा हो। इसकी जगह सरकार उपज की गारंटी बीमा योजना लागू करना चाहती है। इस सम्बन्ध में प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है।
सूत्रों के मुताबिक मौसम आधारित फसल बीमा छह सरकारी-निजी कम्पनियां कर रही हैं और हर वष्ाü 400 से 500 करोड़ रूपए का घाटा किसानों को उठाना पड़ रहा है। किसान जितना प्रीमियम जमा करवाते हैं, उसके बदले बहुत कम पैसा वापस मिल रहा है। राज्य सरकार का मानना है कि इससे किसानों को पूरा फायदा नहीं मिल रहा। इसलिए केन्द्र उपज की गारंटी बीमा योजना लागू करे या फिर वह खुद और राज्य सरकार मिलकर अपने स्तर पर कृçष्ा बीमा करें।
उधर, मौसम आधारित फसल बीमा इस समय प्रदेश के 21 जिलों में लागू है। रबी की फसल के बीमा के पेटे 319 करोड़ रूपए का बीमा करवाया गया था। इसके बदले कि सानों में 426 करोड़ रूपए बंटने हैं। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह को पत्र लिख कर केन्द्र के हिस्से के 84.98 करोड़ रूपए मांगे हैं। राज्य के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी का कहना है कि सरकार ने दो प्रस्ताव केन्द्र को भेजे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही निर्णय हो जाएगा।
मौसम आधारित फसल बीमा में कई बार पूरा पैसा नहीं मिल पाता। यदि केन्द्र प्रस्ताव को मंजूरी नहीं देता है तो मौसम आधारित फसल बीमा लागू करने से पहले कलक्टरों को पत्र लिख जिला समितियों की राय जानी जाएगी। इसके बाद ही फसल बीमा लागू किया जाएगा।
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