scriptYear At A Glance: साल 2016 में घटी ये घटनाएं बताती हैं कि इंसानियत कभी खत्म नहीं हो सकती | Things Happened In 2016 Revive Faith In Humanity | Patrika News

Year At A Glance: साल 2016 में घटी ये घटनाएं बताती हैं कि इंसानियत कभी खत्म नहीं हो सकती

Published: Dec 21, 2016 03:28:00 pm

Submitted by:

राहुल

कई लोगों का मानना है कि इंसानों के दिल से इंसानियत नाम की चीज़ ख़त्म हो चुकी है लेकिन देखा जाए तो ऐसा नहीं है, अक्सर कुछ ऐसे ख़बरें निकल कर आती हैं जहाँ कुछ लोग इंसानियत के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देने से भी पीछे नहीं हटते..

Things Happened In 2016 Revive Faith In Humanity

Things Happened In 2016 Revive Faith In Humanity

‘जब तक यह दुनिया रहेगी, धरती पर इंसानियत तब तक जिंदा रहेगी’ यह कहावत आपने अपने बड़े बुजुर्गों से सुनी ही होगी। धरती पर होने वाली हर एक नकारात्मक घटना के पीछे एक सकारात्मक भावना जरूर निकल कर आती है। कई लोगों का मानना है कि इंसानों के दिल से इंसानियत नाम की चीज़ ख़त्म हो चुकी है लेकिन देखा जाए तो ऐसा नहीं है, अक्सर कुछ ऐसे ख़बरें निकल कर आती हैं जहाँ कुछ लोग इंसानियत के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देने से भी पीछे नहीं हटते। साल 2016 की कुछ ऐसी ही घटनाएं हम आपके सामने रख रहे हैं, जिन्हें देख कर आप यह बात जरूर कहेंगे कि “इंसानियत अभी जिंदा है।”

एक नज़र उन सभी घटनाओं पर डालते हैं, जिसने इंसानियत और मानवता के विश्वास के धागे को टूटने से बचाये रखा है।

1. इस बहादुर लड़की ने अंजान कैब ड्राइवर की मदद कर फेसबुक पर लिखा कुछ ऐसा कि लोग बोले ‘वाह’

कहते हैं कि आज के इस भागदौड़ वाले दौर में इंसानों की इंसानियत कहीं खो गई है, लोग अपनों के काम नहीं आते तो वो गैरों के काम कैसे आ सकते हैं। लेकिन इस धारणा से परे मुम्बई की एक बहादुर लड़की की इंसानियत मिसाल बन चुकी है। उसने जो काम किया है, लोग उसकी तारीफ किये बिना नहीं रह पाए। दरअसल मुंबई में एक ऐसी ही घटना सामने आई। जिसमें हिमानी जैन नाम की एक बहादुर लड़की ने उबर कैब ड्राइवर की मदद की। जिन हालात में उसने मदद की, उसके बाद उसे लोगों की काफी सराहना मिली। उस घटना के बारे में इस लड़की ने खुद ही अपने फेसबुक वॉल पर शेयर किया।

2. एटीएम की कतारों में चाय-पानी पिलाने वाले सिख समुदाय के लोग
साल 2016 की ऐसी घटनाएं जिनसे साबित होता है मानवता अभी भी जिंदा है
नोटबंदी के इस दौर में सिख समुदाय के लोगों की कुछ तस्वीरें सोशल मिडिया पर वायरल हुई, जिनमें साफतौर पर देख जा रहा है कि सिख समुदाय के लोग कतारों में खड़े लोगों को इस मुश्किल घड़ी में पानी, चाय और दुसरे खाद्य पदार्थ उपलब्ध करा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के नोटबंदी वाले फ़ैसले के बाद जब ATM और बैंक के बाहर लाइन लगा कर लोग सरकार को कोस रहे थे, तब वहीं पर सिख समुदाय के लोग सबको चाय-पानी पिला कर इंसानियत की मिसाल कायम कर रहे थे. पैसों की खातिर घंटों कतारों में खड़े लोगों को राहत देने के लिए सिख लोग चाय-पानी से उनकी सेवा कर रहे थे। ये आखिर इंसानियत की मिसाल नहीं तो और क्या थी?

3. भारतीय क्रिकेट टीम ने मां के नाम की जर्सी पहनी
Image result for indian jersey with mothers name
भारतीय क्रिकेट टीम आज अपने दमदार प्रदर्शन से सफलता के नए आयाम पर पहुँच रही है। इसी साल साल भारतीय क्रिकेट टीम ने ‘नई सोच’ अभियान के तहत पुरुष प्रधान समाज को एक ताकतवर संदेश देने के लिए भारत बनाम न्यूज़ीलैंड सीरीज़ के दौरान मां के नाम की जर्सी पहनी थी। हमारे समाज में पिता की अहमियत ज़्यादा होती है, लेकिन मां के योगदानों को एक पहचान देने के लिए टीम इंडिया का उठाया गया ये कदम सच में सराहनीय था।

4. आठ मुस्लिम युवाओं ने मिलकर एक हिंदू का किया था अंतिम संस्कार

कुछ असामाजिक ताकतें हमेशा से ही देश के सहिष्णु माहौल को असहिष्णुनता में तब्दील करने के लिए कुछ न कुछ हथकंडे अपनाती रहती हैं। वहीं महाराष्ट्र के ठाणे में कुछ मुस्लिम युवकों ने मानवता को धर्म से ऊपर रखते हुए एक मिसाल कायम की थी। जी हां, आठ मुस्लिम युवकों ने एक हिंदू शख़्स का अंतिम संस्कार किया था। युवकों के पड़ोस में रहने वाले 65 साल के वमन कदम की अपने घर पर मौत हो गई थी। जब कदम की पहली पत्नी के दो बेटों और उसके रिश्तेदार रात में आने से हिचकिचा रहे थे, तब इन मुस्लिम युवकों ने इंसानियत की मिसाल पेश कर उनका अंतिम संस्कार किया था।

5. एक हिंदू ऑटोवाले ने जुमे की नमाज़ पढ़ने जा रहे एक मुस्लिम को बिना पैसे लिए मस्जिद पहुंचाया

दयालुता और धार्मिक सौहार्द्र की एक और मिसाल तब देखने को मिली, जब एक हिंदू ऑटोवाले ने जुमे की नमाज़ पढ़ने जा रहे एक मुस्लिम को बिना पैसे लिए समय पर पहुंचाया था। दरअसल, वह मुस्लिम युवक पर्स अपने घर भूल गया था और उसे नमाज़ के लिए देर हो रही थी।मुस्लिम युवक रमीज़ शेख उस ऑटोवाले शुक्लाजी से इतना प्रभावित हुए थे कि उन्होंने अपने फेसबुक पर उनकी तस्वीर के साथ सारी घटना का ज़िक्र किया था और धन्यवाद भी दिया था। वह पोस्ट काफ़ी वायरल हुई थी और लोगों ने दयालू शुक्ला जी की सराहना की थी।

6. इस कपल ने 40 बच्चों को अपने जिम्मे लेकर उन्हें शिक्षा दी

Humans of Bombay ने मुंबई की इस जोड़ी के बारे में बताया था, जिसमें कहा था कि ये जोड़ी उन गरीब और ज़रूरतमंद बच्चों को शिक्षित करने का काम करती है, जिसका परिवार उसकी शिक्षा का भार नहीं उठा सकता। कई सारी कठिनाईयों के बाद भी इस जोड़ी ने अपनी ज़िंदगी में कम से कम 40 बच्चों की पढ़ाई में मदद की थी। खुद की ज़िंदगी में दुर्घटना होने के बाद भी इस जोड़ी ने मदद करना नहीं छोड़ा।

7. ज्वेलरी को घूर रहे क्लीनर पर जब एक अजनबी ने की थी धनवर्षा
Image result for grand bazaar istanbul jewelry
दरअसल, जब एक बांग्लादेशी क्लीनर सऊदी अरब में ज्वेलरी को घूर रहा था, तभी कुछ लोगों ने उसकी तस्वीर इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर मज़ाक बनाया, जिस पर कैप्शन था- यह आदमी सिर्फ़ ज्वेलरी को देखने का हक़दार है. तभी किसी सज्जन व्यक्ति की उस पोस्ट पर नज़र पड़ी और उसने उस बुज़ुर्ग पर दया दिखाकर धनवर्षा कर दी। उसे उपहार में सोना, चावल, शहद और आई-फ़ोन तक गिफ़्ट किये थे।

8. हिंदू-मुस्‍लिम युवकों ने एक-दूसरे की पत्‍नी को किडनी डोनेट कर बचायी जान

एक बार फिर से हिंदू-मुस्लिम धर्म के बीच एकता का एक अनोखा उदाहरण सामने आया था. राजस्थान के जयपुर में एक हिंदू व एक मुस्लिम शख्स ने एक-दूसरे की पत्नी को अपनी किडनी दान देकर जान बचायी थी। दरअसल, उन दोनों का ब्लड ग्रुप मैच कर गया था. किडनी के प्रत्यारोपण के बाद दोनों ने बिना किसी धार्मिक द्वेष के साथ में ईद-उल-जुहा मनाया था. अहमद पटेल और विनोद मेहरा ने एक-दूसरे के प्रति सम्मान और आभार भी व्यक्त किया था।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो