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नेताजी बोस के संदेह में साधु की कई सालों तक हुई जासूसी

Published: Apr 21, 2015 10:47:00 am

पश्चिम बंगाल की खुफिया एजेंसी ने पिछले कई वर्षो से एक साधु की नेता जी
सुभाष चंद्र बोस समझ कर जासूसी की है

Subhash chandra bose plane crash

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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की खुफिया एजेंसी ने पिछले कई वर्षो से एक साधु की नेता जी सुभाष चंद्र बोस समझ कर जासूसी की है। इस बात का खुलासा गोपनीय दस्तावेजों के जरिए हुआ। ये खुलासा उस समय हुआ है, जब नेताजी के जीवन से जुड़ी सरकार की रिपोर्ट का विवाद जोरों शोरों से चल रहा है। पिछले साल पश्चिम बंगाल की खुफिया एजेंसी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में पता चला है कि जासूसों ने शॉलमारी बाबा के नाम से प्रसिद्ध साधु सरदानंद की 1960 के दशक में कई सालों तक जासूसी की। जासूसों ने बताया कि, सरदानंद फोटो खिंचाने से चिढ़ता था और कहीं भी उंगलियों के निशान नहीं छोड़ता था।

खून का नमूना देने से किया इनकार
एक रिपोर्ट के मुताबिक 1962 में जब उन्होंने एक टैक्सी ली थी, तब उनके बैठने से पहले उन्हें कवर करने के लिए कार के अंदर एक स्क्रीन फिट की गई थी। एक और दस्तावेज में खुलासा किया गया है कि, जब साधु डॉक्टर के पास गए थे, तब भी उन्होंने अपनी पहचान गोपनीय रखने के लिए अपने चेहरे को पेपर से ढक लिया था और एक्स-रे और खून का नमूना देने से भी इनकार कर दिया था।

500 लोगों की हुई बैठक
वहीं मार्च 1963 की रिपोर्ट के मुताबिक शॉलमारी बाबा के केवल एक ही फेफड़ा था। जबकि 1963 फरवरी के एक दस्तावेज के मुताबिक 500 लोगों की एक बैठक हुई थी, जिसमें एक के बाद एक कई वक्ताओं ने दावा किया था कि, साधु ही नेताजी है। गौरतलब है कि 1945 में नेताजी के लापता हो जाने के चलते काफी विवाद उठता रहा है। कई रिपोर्ट्स में बताया गया कि, उनकी मौत हवाई हादसे में हुई थी। इसी महीने की शुरूआत में खुलासा हुआ था कि जवाहर लाल नेहरू ने नेताजी और उनके परिवार की जासूसी कराई थी।

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