कौन है ईश्वर, जिसके नाम की ली जाती है शपथ:RTI
मंत्रालय का जवाब था, वही सूचनाएं दे सकते हैं जो रिकॉर्ड का हिस्सा हो
नई दिल्ली। सूचना के अधिकार के तहत कानून मंत्रालय में एक अर्जी में पूछा है कि संवैधानिक पदों पर नियुक्त लोग और सांसद-विधायक जिस ईश्वर के नाम की शपथ लेते हैं, वह कौन है? आवदेक श्रद्धानंद योगाचार्य ने सत्यमेव जयते का अर्थ भी पूछा है। अर्जी राष्ट्रपति सचिवालय को संबोधित थी, जिसे गृह मंत्रालय भेजा और फिर कानून मंत्रालय को। मंत्रालय का जवाब था, वही सूचनाएं दे सकते हैं जो रिकॉर्ड का हिस्सा हो।
केन्द्रीय जनसूचना अधिकारी एसके चित्कारा ने भी आवेदक को समझाने की कोशिश की, उन्होंने कहाकि सत्यमेव जयते किसी संवैधानिक प्रावधान का हिस्सा नहीं है और सत्य, धर्म व जाति जैसे शब्दों को संविधान के किसी भी भाग में परिभाषित नहीं किया गया। लिहाजा इस बारे में कोई सूचना मुहैया नहीं कराई जा सकती।
उन्होंने आवेदक से कहाकि वह परिस्थितियों के संदर्भ में या कानून की विभिन्न किताबों में उपलब्ध न्यायिक स्पष्टीकरणों के आधार पर अभिव्यक्ति को समझने की कोशिश करें। ईश्वर, सत्य, न्याय और धर्म जैसे शब्दों के अर्थ शिक्षक और आचार्य बताते हैं। इनके बारे में आरटीआई कानून के तहत नहीं पूछा जा सकता है।
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