भारतीय दल को बाकू जाने से पहले जिस बात की चिंता थी, वही बात देवेंद्रो के खिलाफ मुकाबले के बाद सामने आ गई
कुलदीप पंवार
नई दिल्ली। रियो ओलंपिक का टिकट पाने के लिए चल रही जद्दोजहद में शुक्रवार को भारतीय बॉक्सर एल. देवेंद्रो को उस समय निराशा का सामना करना पड़ा, जब शानदार खेल के बावजूद उन्हें गलत अंपायरिंग के कारण एक तरफा हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ बॉक्सिंग में एक और बॉक्सर के ओलंपिक जाने की भारतीय उम्मीद भी ध्वस्त हो गई।
हैरान था पूरा भारतीय दल
अजरबैजान के बाकू में चल रहे ओलंपिक क्वालिफायर में पूरा भारतीय दल उस समय स्तब्ध रह गया, जब देवेंद्रो रिंग में अपने स्पेनिश प्रतिद्वंद्वी सैम्युअल कारमोना पर जोरदार पंच बरसा रहे थे और इसके बावजूद रेफरी ने उन्हीं के खिलाफ निर्णय दे दिए। जज पैनल ने भी रेफरी के निर्णय को मान्य करते हुए स्पेनिश बॉक्सर को ही अंक दिए। अंत में देवेंद्रो को 0-3 से हारा हुआ घोषित कर दिया गया। भारतीय दल के एक सदस्य ने बाकू से फोन पर बताया कि यह पूरी तरह से बेइमानी थी। देवेंद्रो पूरे समय स्पेनिश बॉक्सर पर हावी था, लेकिन रेफरी ने उसे अंक ही नहीं दिए। यह ऐसा था मानो जज और रेफरी पहले ही उसे हारा हुआ तय किए बैठे थे।
संघ की गैरमौजूदगी से नहीं कर पाए अपील
भारतीय दल को बाकू जाने से पहले जिस बात की चिंता थी, वही बात देवेंद्रो के खिलाफ मुकाबले के बाद सामने आ गई। पूरी तरह गलत निर्णयों वाले इस मुकाबले के खिलाफ भारतीय दल अपील करना चाहता था, लेकिन भारतीय मुक्केबाजी संघ के निलंबित होने के कारण उसे ऐसा करने के योग्य नहीं माना गया।
बता दें कि एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल एमेच्योर बॉक्सिंग (आइबा) ने भारत में बॉक्सिंग का संचालन करने वाली संस्था को निलंबित कर रखा है और उसके स्थान पर एक एडहॉक कमेटी खेल का संचालन कर रही है। इस कारण भारतीय बॉक्सरों को इंटरनेशनल टूर्नामेंट में आइबा के झंडे तले हिस्सा लेना पड़ रहा है। संघ की मौजूदगी नहीं होने के कारण भारतीय दल के सदस्य किसी निर्णय के खिलाफ ऐतराज जताने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इस बात को लेकर भारतीय दल ने बाकू जाने से पहले ही चिंता जताई थी।