विवादों को भूलकर दूंगा अपना बेस्ट : गुरबाज सिंह
देश के लिए कौन नहीं खेलना चाहता। मेरी तो यही इच्छा है कि मैं जब तक खेलूं देश के लिए ही खेलूं। मैं इसके लिए हमेशा तैयार हूं। मेरा काम खेलना है आगे रब की मर्जी।
श्रुति मिश्रा
नई दिल्ली। पिछले एक साल से मैं अपने खेल जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा था। इस बीच मुझे कई कड़े अनुभवों का सामना करना पड़ा। सही कहें तो मैं उन्हें याद ही नहीं रखना चाहता। रांची रेज ने मुझपर विश्वास दिखाकर मुझे बहुत बड़ी राहत दी है। मैं यकीन दिलाता हूं कि मैं उन्हें अपना बेस्ट दूंगा। यह कहना है भारत के अनुभवी मिडफील्डर गुरबाज सिंह का। गुरबाज को बुधवार हुए हॉकी इंडिया लीग 2017 की गुप्त नीलामी में रांची रेज ने 99000 डॉलर में खरीदा। इस नीलामी में बिकने वाले खिलाड़ियों में गुरबाज सबसे महंगें खिलाड़ी रहे।
एक समय अपने कलात्मक खेल से सबका दिन जीतने वाले गुरबाज पर हॉकी इंडिया ने अनुशासनहीनता और टीम में गुटबाजी करने का दोषी ठहराते हुए 10 अगस्त 2015 को नौ महीने का प्रतिबंध लगा दिया था। इसके खिलाफ गुरबाज ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जहां उन्हें हॉकी इंडिया के सारे आरोपों से बरी करते हुए 19 अक्टूबर 2015 को प्रतिबंध से मुक्त कर दिया गया।
बेहतरीन मौका
प्रतिबंध हटने के बाद गुवाहाटी में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाले गुरबाज ने कहा कि मुझे एचआईएल में लौटने की पूरी उम्मीद थी। अब मेरे पास अपने आपको साबित करने का एक बेहतरीन मौका है। मैं इसे हाथ से निकलने नहीं दूंगा। इंडिया टीम में शामिल होने की उम्मीदों पर गुरबाज ने कहा कि देश के लिए कौन नहीं खेलना चाहता। मेरी तो यही इच्छा है कि मैं जब तक खेलूं देश के लिए ही खेलूं। मैं इसके लिए हमेशा तैयार हूं। मेरा काम खेलना है आगे रब की मर्जी। वैसे भी यह काम चयनकर्ताओं का है।
रांची के साथ आएगा मजा
हॉकी इंडिया लीग के पहले तीन संस्करणों में दिल्ली वेवराइडर्स की ओर से खेलने वाले गुरबाज ने कहा कि दिल्ली के साथ मेरा अनुभव काफी अच्छा रहा। हम चैंपियन भी रहे। जहां तक रांची टीम की बात है तो यह काफी अच्छी टीम है। दो बार चैंपियन भी रही। उम्मीद है इनके साथ मजा आएगा और काफी अच्छा अनुभव होगा। साथ ही एक संस्करण में न खेल पाने का कसर भी पूरा होगा।
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