आज हम जिस हरमनप्रीत पर गर्व कर रहे हैं, उनके करियार की शुरुआत बेहद कठिन थी। हरमन बचपन में लड़कों के साथ मैच खेला करती थी
नई दिल्ली। कल तक जिस हरमनप्रीत कौर को एक सिर्फ एक महिला खिलाड़ी के तौर पर जाना जाता था, आज पूरी दुनिया उनके बारे में गूगल पर सर्च कर रही है। सोशल मीडिया पर उनको बधाई देने वालों का तांता लगा है। लेकिन आज हम जिस हरमनप्रीत पर गर्व कर रहे हैं, उनके करियार की शुरुआत बेहद कठिन थी। 8 मार्च 1989 को पंजाब के मोगा में जन्मी हरमनप्रीत बचपन में लड़कों के साथ मैच खेला करती थी, क्योंकि उनके घर के आसपास की लड़कियां मैच नहीं खेलती थी।
पिता का सपना बेटी ने पूरा किया
गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 171 रनों की धमाकेदार पारी खेलने पर उनके पिता हरमिंदर सिंह भुल्लर ने कहा कि देख के बहुत अच्छा लग रहा है, परमात्मा से दुआ करुंगा कि वो और भी आगे जाए और नाम रोशन करती रहे। मां सतविंदर ने कहा कि हरमन के पिता भी एक खिलाड़ी बनाना चाहते थे, लेकिन वो नहीं बन पाए, बेटी ने उनका सपना पूरा किया और दुनिया में नाम रोशन किया।
लड़कों के छुड़ाती थी छक्के
पिता हरमिंदर सिंह बताते हैं कि जब ग्राउंड में लड़किया नहीं दिखती थी तो हरमन परेशान नहीं होती थी, बल्कि मुहल्ले को लड़कों के साथ खेलती थी। हरमनप्रीत की बल्लेबाजी देकरकर उनके साथी दंग रह जाते थे।
खड़ा किया रनों का पहाड़
हरमन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो 171 रन की शानदार पारी खेली है वो किसी भारतीय महिला बल्लेबाज द्वारा खेली गई दूसरी सबसे बड़ी पारी है। हरमनप्रीत द्वारा बनाए गया स्कोर महिला विश्व कप के नॉकआउट मैचों में भी सर्वाधिक स्कोर है। हरमनप्रीत ने खराब शुरुआत से टीम को निकालते हुए 115 गेंदों में 20 चौके और सात छक्कों की मदद से तूफानी पारी खेली।
20 साल की उम्र में डेब्यू
हरमनप्रीत ने इस सफलता का श्रेय उनके कोच कुलदीप सिंह सोढ़ी को दिया है। कुलदीप से हरमन की मुलाकात मोगा मेम हुई थी, जब वो दसवीं के बाद पढ़ाई करने ज्ञान सागर स्कूल में दाखिल हुई थी। इसके बाद पहली बार पंजाब टीम में उनका चयन हुआ था। हरमनप्रीत ने 2009 विश्व कप में पाकिस्तान खिलाफ जब डेब्यू किया था तो उनकी उम्र महज 20 वर्ष थी।
टी 20 की मिली कमान
साल 2013 में हरमनप्रीत ने भारतीय टीम की कप्तानी भी की थी। इस दौरान बांग्लादेश के खिलाफ मैच में मिताली को आराम दिया गया था। 2016 में हरमनप्रीत कौर को मिताली की जगह भारतीय टी 20 टीम की जिम्मेदारी सौंप दी गई।