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चैम्पियंस की कहानी : 7 खिलाड़ियों के पिता ड्राइवर;11 साल से कोच को था इंतज़ार

Published: Dec 19, 2016 01:26:00 pm

Submitted by:

ललित fulara

भारतीय जूनियर हॉकी टीम के विजेता खिलाड़ी साधारण परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। हॉकी टीम के 11 में से सात खिलाड़ियों के पिता ड्राइवर हैं। 

Indian Junior Hockey team

Indian Junior Hockey team

नई दिल्ली। भारतीय जूनियर हॉकी टीम के विजेता खिलाड़ी साधारण परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हॉकी टीम के 11 में से सात खिलाड़ियों के पिता ड्राइवर हैं। मध्य-वर्गीय परिवारों से आने वाले ये खिलाड़ी पिता को ही अपना आदर्श मानते हैं। बता दें कि रविवार को भारतीय जूनियर हॉकी टीम ने बेल्जियम को 2-1 से हराकर 15 साल बाद खिताब अपने नाम किया था। 

11 साल से कोच को था इंतजार
भारतीय हॉकी टीम के कोच हरेंद्र सिंह को कई साल से इस जीत का इंतजार था। उनकी टीम 11 साल पहले रोटरडम में कांस्य पदक का मुकाबला हार गई थी। रविवार को जीत के बाद वे अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए और उनके आंसू छलक उठे। 

कप्तान हरजीत व छह अन्य के पिता ड्राइवर
एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़ हॉकी टीम के कप्तान हरजीत सिंह के पिता ट्रक ड्राइवर हैं। गोलकीपर विकास दहिया, कृष्ण बहादुर पाठक, डिफेंडर हरमनप्रीत सिंह और वरुण कुमार, मिडफील्डर सुमित कुमार और फॉरवर्ड अजित कुमार पाण्डेय के पिता भी ड्राइवर हैं और पिता की ही प्रेरणा से ये खिलाड़ी हॉकी खेलने के लिए आगे आए। रिपोर्ट के मुताबिक, वरुण कुमार के पिता पंजाब में मेटाडोर 407 टेम्पो चलाते हैं। गोलकीपर विकास दहिया के पिता दलबीर सोनीपत में एक प्राइवेट कंपनी में ड्राइवर हैं। गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक के दिवंगत पिता क्रेन चलाते थे। मिडफील्डर सुमित कुमार के पिता रामजी प्रसाद वाराणसी में ड्राइवर हैं।


दिल्ली में टीम का जोरदार स्वागत
भारतीय जूनियर हॉकी टीम का दिल्ली एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया है। टीम सोमवार को ट्रॉफी के साथ दिल्ली पहुंची है। एयरपोर्ट पर हॉकी खिलाड़ियों का फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया गया है।

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