कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई द्वारा कोर्ट के सामने रखे गए अधिकांश बिंदु 22 जनवरी का फैसला आने के बाद के हैं। क्या आप अपने विचार की पूर्व स्वीकृति चाहते हैं (कि श्रीनिवासन अभी भी हितों के टकराव की स्थिति में हैं)। हमारा इससे कोई संबंध नहीं है।
कोर्ट ने बीसीसीआई की याचिका पर किसी तरह का स्पष्टीकरण जारी करने से इनकार करते हुए कहा कि यदि श्रीनिवासन बोर्ड के किसी विचार से असहमत होते हैं तो वह उचित कोर्ट में अपील कर सकते हैं।