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रणजी ट्रॉफी का रण : अंतिम राउंड होगा बेहद रोमांचक

Published: Dec 03, 2016 07:25:00 pm

चार दिन बाद जब नौवां राउंड  होगा तो यह मेहनत और बढ़ जाएगी, क्योंकि यह
नॉकआउट से पहले किसी भी टीम के लिए अंक हासिल करने का अंतिम मौका होगा। कई टीम ऐसी भी हैं, जिनका खेल पहले ही खत्म हो चुका है। लेकिन ये टीमें
अंतिम राउंड में जरा सा दम लगाकर दूसरी टीमों की आशाओं पर पानी फेर सकती
है।

Ranji Trophy 2016

Chhattisgarh vs kerala

नई दिल्ली। शुक्रवार को खत्म हुए रणजी ट्रॉफी सीजन के आठवें राउंड के परिणामों को जरा ध्यान से देखिए। इस बार न्यूट्रल मैदानों पर हो रही रणजी ट्रॉफी में वैसे ही टीमों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है, लेकिन नॉकआउट राउंड करीब आते ही यह मेहनत अब दोगुनी हो गई है। कारण है एक-एक अंक की अहमियत होना।

चार दिन बाद जब नौवां राउंड होगा तो यह मेहनत और बढ़ जाएगी, क्योंकि यह नॉकआउट से पहले किसी भी टीम के लिए अंक हासिल करने का अंतिम मौका होगा। क्वार्टर फाइनल का शो देखने के लिए तीन टीमों ने पहले ही अपना टिकट लगभग बुक करा लिया है, लेकिन शेष बचे 5 स्थानों के लिए बाकी 25 टीमों के बीच जमकर होड़ मचेगी। हालांकि कई टीम ऐसी भी हैं, जिनका खेल पहले ही खत्म हो चुका है। लेकिन ये टीमें अंतिम राउंड में जरा सा दम लगाकर दूसरी टीमों की आशाओं पर पानी फेर सकती है। ऐसे में अंतिम राउंड बेहद रोमांचक साबित होने वाला है।

ग्रुप-ए में संभावनाओं का खेल
इस ग्रुप में वैसे तो पिछली विजेता मुंबई ने क्वार्टर फाइनल में अपना स्थान लगभग पक्का करते हुए बाकी टीमों के लिए एक स्थान की लड़ाई छोड़ दी है। निचली तीन टीमों उत्तर प्रदेश, बड़ौदा और रेलवे के लिए तो मुकाबला पूरी तरह खत्म हो चुका है, लेकिन बाकी टीमों के लिए अभी थोड़ा मौका बाकी है, जिसके चलते यह ग्रुप रोमांचक माना जा रहा है। इस तरह होगा इस राउंड में इस ग्रुप का नजारा-

मुंबई बनाम पंजाब- तालिका में पहले स्थान पर मौजूद 29 अंक वाले मुंबई को 5वें स्थान पर 18 अंक वाले पंजाब से हारने या ड्रॉ में पहली पारी के आधार पर पिछडऩे की हालत में तमिलनाडु से थोड़ा परेशानी का सामना करना होगा।

गुजरात बनाम तमिलनाडु- तालिका में दूसरे नंबर पर 24 अंक लेकर मौजूद गुजरात के पास इस मैच में हारने या ड्रॉ होने के बावजूद एक और मौका मौजूद होगा, क्योंकि उसे अपना अंतिम मैच 15 दिसंबर से बंगाल के खिलाफ खेलना है। लेकिन 23 अंक वाले तमिलनाडु को इस मैच में जीत से कम परिणाम पर सिर्फ भाग्य का ही सहारा होगा।

मध्य प्रदेश बनाम बंगाल – इस मैच में 19 अंक वाले मध्य प्रदेश और 17 अंक वाले बंगाल, दोनों के लिए जीत बेहद अहम होगी। मध्य प्रदेश जीता तो तमिलनाडु-गुजरात मैच ड्रॉ होने की स्थिति में उसके लिए तीसरे स्थान पर आकर नॉकआउट में पहुंचने की संभावना बची रहेगी, जबकि बंगाल के लिए जीतने की स्थिति में अगला मैच गुजरात को हराकर नॉकआउट की राह खुली रहेगी।

उत्तर प्रदेश बनाम बड़ौदा- इस मैच की दोनों टीमों के लिए हार-जीत से ज्यादा कोई अहमियत नहीं है, क्योंकि दोनों ही टीमें ग्रुप में इतनी नीचे हैं कि नॉकआउट स्टेज माउंट एवरेस्ट जैसा दूर हो गया है। हालांकि बड़ौदा इस मैच में अपना नेट रनरेट और बढि़या करते हुए अगले साल ग्रुप-सी में रेलीगेट होने से बच सकता है, जिसके मुहाने पर वह सबसे आखिरी टीम होने के कारण खड़ा हुआ है।

ग्रुप-बी में तीसरे स्थान की लड़ाई
इस ग्रुप में झारखंड और कर्नाटक के लिए पहले दो स्थान पर आना तय माना जा रहा है, लेकिन तीसरे स्थान के लिए तीन टीमों के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। पिछले साल सेमीफाइनल खेली असम की टीम के मैच पूरे हो चुके हैं और वह ग्रुप में सबसे नीचे होने के चलते अगले सीजन के लिए ग्रुप-सी में रेलीगेट की जाएगी। अंतिम राउंड में इस ग्रुप के मैचों का एेसा होगा नजारा-

सौराष्ट बनाम दिल्ली- 12 अंक के साथ अपने रास्ते बंद कर चुके सौराष्ट्र के लिए इस मैच की अहमियत बस 21 अंक के साथ चौथे स्थान वाले दिल्ली का खेल खराब करने तक ही बाकी है। दिल्ली के लिए इस मैच में बोनस अंक के साथ जीत से कम पर ओडिशा के हारने या मैच ड्रॉ करने की प्रार्थना करनी होगी।

ओडिशा बनाम झारखंड- यह मैच 22 अंक के साथ तीसरे स्थान पर चल रही ओडिशा के लिए अहम रहेगा, जो बोनस अंक के साथ नहीं जीता तो उसे दिल्ली और महाराष्ट्र से खतरा बना रहेगा। 32 अंक के साथ शीर्ष पर चल रहे झारखंड के लिए यह मैच सिर्फ एक औपचारिकता रह गया है।

विदर्भ बनाम राजस्थान- दोनों ही टीमों के लिए यह मैच सिर्फ एक औपचारिकता रह गया है, क्योंकि इस मैच की हार-जीत से ग्रुप में किसी भी टीम की नॉकआउट की संभावनाएं प्रभावित नहीं होगी।

ग्रुप-सी में हैदराबाद के साथ ‘कौन’ की लड़ाई
सीजन के शुरुआती दौर में पिछडऩे के बाद हैदराबाद ने लगातार तीन जीत से जोरदार वापसी करते हुए अन्य टीमों के गुणा-भाग बिगाड़े, लेकिन अपना नॉकआउट का रास्ता तैयार कर लिया। अंक तालिका में नंबर एक पर चल रहे हैदराबाद के लिए पॉजीटिव बात यह है कि उसके अभी दो मैच बचे हुए हैं, जबकि त्रिपुरा को छोड़कर बाकी टीमों के लिए यह अंतिम भिड़ंत है। ऐसे में हैदराबाद आसानी से नॉकआउट में पहुंचेगा बस यह देखना होगा कि उसके साथ वहां ग्रुप-सी से कौन सी टीम होगी?

हैदराबाद बनाम आंध्र- ग्रुप की दो शीर्ष टीम होने के कारण दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर होगी। वैसे भी यह आंध्र प्रदेश का ‘घरेलू’ जैसा मुकाबला है, जिसमें कोई भी टीम नहीं हारना चाहेगी। 32 अंक वाले हैदराबाद के बजाय 25 अंक वाले आंध्र के लिए बोनस अंक के साथ जीत ज्यादा अहम है, क्योंकि उस हालत में वह अपने बराबर चल रहे हरियाणा को पछाड़ सकता है।

त्रिपुरा बनाम हरियाणा- तालिका में आंध्र के बराबर 25 अंक लेकर भी जीत-हार के क्रम में पिछड़े हरियाणा की निगाहें ग्रुप की नीचे से दूसरे नंबर की टीम के खिलाफ बोनस अंक से जीत पर होंगी। इसके बावजूद उसका भाग्य आंध्र का मैच तय करेगा।
हिमाचल प्रदेश बनाम गोवा- दोनों ही टीमों के लिए संभावनाएं हरियाणा, आंध्र और केरल की हार पर टिकी हुई हैं। हिमाचल के 20 और गोवा के 18 अंक हैं। एेसे में ड्रॉ मैच दोनों ही टीम के लिए बेकार रहेगा।

छत्तीसगढ़ बनाम जम्मू एवं कश्मीर- ग्रुप में निचले तीन में शामिल इन दोनों टीमों के बीच मुकाबला सिर्फ औपचारिकता मात्र रह गया है। छत्तीसगढ़ की निगाहें इस मैच को जीतकर अपने पहले सीजन का अंत थोड़ा ऊपर के स्थान पर रहने पर टिकी होंगी।

केरल बनाम सर्विसेज- 15 अंक के साथ नीचे से चौथे नंबर पर चल रही सर्विसेज के लिए लड़ाई खत्म हो चुकी है, लेकिन 22 अंक के साथ चौथे स्थान वाली केरल को जीत नॉकआउट की संभावनाएं जगा सकती है।


कैसे होगा बराबर अंक पर निर्णय

– अंकतालिका में बराबर अंक होने पर निर्णय जीत-हार की संख्या से होगा
– जीत में भी बराबर संख्या होने पर बेहतर रनरेट वाली टीम क्वालिफाई करेगी

कुछ खास
3-3 टीमें ग्रुप-ए और ग्रुप-बी से क्वालिफाई करेंगी
02 टीम को ग्रुप-सी की 9 टीमों में से मिलेगा मौका
07 से 10 दिसंबर तक होंगे अंतिम राउंड के मुकाबले
15 दिसंबर से बंगाल-गुजरात व हैदराबाद-त्रिपुरा का पहले रद्द हुआ मुकाबला होगा
24 दिसंबर से चारों क्वार्टर फाइनल मैच खेले जाएंगे
03 जनवरी से होंगे सेमीफाइनल मुकाबले
12 से 16 जनवरी तक खेला जाएगा फाइनल मैच

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