श्रीगंगानगर। सात एलएनपी निवासी एक व्यक्ति ने बीमारी से दुखी होकर पूरे परिवार सहित नाथांवाली के नजदीक जीप को गंगनहर में गिरा दिया।
इस हादसे में जीप चला रहा परिवार का मुखिया और तीन बच्चों सहित पांच
जने पानी में बह गए। हालांकि ग्रामीणों ने एक महिला को जीवित बचा लिया। हादसा
शुक्रवार देर रात करीब ग्यारह बजे नाथांवाला से पठानवाला के बीच हुआ। गोताखोर देर
रात तक पानी में बहे लोगों की तलाश में जुटे हुए थे। हादसे को अंजाम देने वाले
आरोपी के दोस्त ने पुलिस को वास्तविकता बताई। सदर थाने के रीको चौकी प्रभारी एसआई
रमेश सर्वटा ने बताया कि सात एलएनपी निवासी राजेंद्र (32) पुत्र संतलाल धानक अपनी
पत्नी मंजू (29), सास गुaीदेवी (56), बच्चे तन्नू (07),सुप्रिया (05) और संध्या
(01) को साथ लेकर दोस्त विजय बिश्नोई की जिप्सी मांगकर शुक्रवार रात पल्लू माता के
दरबार में धोक लगाने का कहकर रवाना हुआ।
रात
करीब 11 बजे जीप नाथांवाला से पठानवाला के बीच गंगनहर की पटरी से तीन एमएल मोघे के
पास नहर में उतार दी। हादसे में राजेन्द्र की पत्नी मंजू को बाहर निकालकर अस्पताल
पहुंचाया जा सका। शेष्ा लोगों की देर रात तक तलाश जारी थी। पुलिस ने नहर से जीप
बरामद कर ली है।
मौके पर पहुंचा पुलिस और प्रशासन
हादसे की सूचना पर
तहसीलदार सांवरमल रैगर, एएसपी मनोज चौधरी, आईपीएस राशि डोगरा, चूना राम कस्वां और
रमेश माचरा जाब्ते सहित मौके पर पहुंचे। नहर में गिरी जीप और उसमें सवार लोगों की
तलाश शुरू की गई। प्रशासन ने नागरिक सुरक्षा विभाग के गोताखोर और तैराक को मौके पर
बुलाया गया। डे्रगन लाइटों की मदद से आस पास रोशनी कर बचाव कार्य शुरू किया गया।
देर रात क्रेन की मदद से जीप को नहर से बाहर निकाल लिया गया लेकिन पानी में बहे
पांच जनों का कोई पता नहीं चला।
जीप रोककर मां को किया फोन
पुलिस के अनुसार
आत्महत्या की मंशा कर निकले राजेंद्र ने रास्ते में एक जगह जीप रोककर अपनी मां को
भी फोन किया और कहा कि वह गंगनहर में मरने जा रहा है। मां ने आस-पड़ोस में इसकी
जानकारी देकर लोगों को पीछे भेजा लेकिन वह भी नहीं पहुंच पाए।
ऎसे
सामने आई हकीकत
पुलिस देर रात नहर में बहे लोगों की तलाश में जुटी थी इसी
बीच राजेन्द्र का दोस्त राजू परिवार का पीछा करता हुआ पहुंच गया। उसने पुलिस को
बताया कि राजेन्द्र ने घर से रवाना होने से ठीक पहले उसे मोबाइल पर बताया कि वह
बीमारी से दुखी है। ऎसे में आत्महत्या करने जा रहा है। इस पर राजू दौड़कर उनके घर
पहुंचा लेकिन तब तक राजेन्द्र परिवार सहित घर से रवाना हो चुका था। दूसरा वाहन लेकर
वह पीछे रवाना हुआ लेकिन उसके पहुंचने से पहले ही राजेन्द्र ने अपनी मंशा के अनुरूप
हादसे को अंजाम दे दिया।