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जिपं अध्यक्ष की हमदर्दी भी झूठी, 80 सिफारिशों में से 27 निकली फर्जी

locationबिलासपुरPublished: Nov 26, 2015 11:55:00 am

जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक साहू ने मस्तूरी जनपद पंचायत क्षेत्र में 80 लोगों को इंदिरा आवास देने के लिए सिफारिश की थी

registered a case

fraud case

बिलासपुर. जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक साहू ने मस्तूरी जनपद पंचायत क्षेत्र में 80 लोगों को इंदिरा आवास देने के लिए सिफारिश की थी।

इनमें से 27 सिफारिश को मंजूर करने के मामले में मंगलवार को जनपद पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में बवाल हो गया। आखिरकार जिला पंचायत के सीईओ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को सूची निरस्त करने की बात कहनी पड़ी।

मस्तूरी जनपद पंचायत के सामान्य प्रशासन समिति की बैठक मंगलवार को हुई। इसमें इंदिरा आवास आवंटन वाले नामों की सूची की मंजूरी के लिए जपं. की सीईओ शिल्पा अग्रवाल ने प्रस्ताव रखा था।

इसमें 27 व्यक्तियों की नामों को ग्राम पंचायतों की तरफ से अनुमोदित नहीं किया गया था। कई लोगों के नाम पक्के मकान होने के बावजूद इंदिरा आवास की सूची में शामिल किए गए।

इसे लेकर सामान्य प्रशासन समिति की अध्यक्ष चांदनी भारद्वाज, उपाध्यक्ष विनोद सिंह ठाकुर, विभिन्न समितियों के सभापतियों ने तीखी आपत्ति दर्ज कराई। दरअसल इन नामों की सिफारिश जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक साहू ने की थी, जिसमें 27 नाम फर्जी निकले।


मस्तूरी जनपद पंचायत क्षेत्र में 80 व्यक्तियों को इंदिरा आवास आंवटित करने के लिए सूची दी थी। इस सूची में पहले चरण में मस्तूरी की जपं. सीईओ शिल्पा अग्रवाल ने 27 नामों का एमआईएस और प्रतीक्षा सूची में नाम शामिल नहीं थे। सीईओ अग्रवाल ने अवैध तरीके से 27 लोगों के नाम जोड़ दी थी।

पूरी समिति पहुंची कलेक्टोरेट
जनपद पंचायत के पदाधिकारियों की पूरी टीम मंगलवार को इस सूची के विरोध में सीधे कलेक्टोरेट पहुंची। संभागीय आयुक्त सोनमणि बोरा, कलेक्टर अंबलगन पी. एवं जिला पंचायत के सीईओ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को अलग-अलग ज्ञापन सौंपकर सूची निरस्त करने और इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की गई।

मस्तूरी जपं. अण्यक्ष चांदनी भारद्वाज ने कहा कि इंदिरा आवास की सूची में जिपं. अध्यक्ष ने 80 नामों की सिफारिश की थी। इनमें से 27 नाम फर्जी निकले है।

मस्तूरी जपं. वन समिति सभापति नूर मोहम्मद ने बताया कि जिला पंचायत के अध्यक्ष दीपक साहू ने 80 फर्जी लोगों की सूची जपं. सीईओ को दी गई थी।

सीईओ की मिलीभगत से 27 लोगों को जोडऩे का प्रयास किया गया। सीईओ समेत इसमें संलग्न सभी लोगों पर कार्यवाही की मांग की गई है।
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