हबीबगंज आरओबी : पहले दिन नहीं मिली सफलता, सोमवार देर रात तक जुटा रहा अमला, 500 मीट्रिक टन क्षमता वाली दो क्रेनों का हो रहा इस्तेमाल।
(सोमवार से चल रही मशक्कत के बाद मंगलवार तड़के हबीबगंज आरओबी का एक गर्डर लांच कर दिया गया।)
भोपाल। हबीबगंज आरओबी की होशंगाबाद साइट पर प्रीकास्ट गर्डर कास्टिंग की अधूरी कार्रवाई सोमवार को पूरी करने की कोशिश की गई। इससे पहले रविवार रात भरसक प्रयास के बाद भी अधूरी रह गई थी। देर रात तक गर्डर लांचिंग के लिए मशक्कत जारी रही। मंगलवार सुबह तक एक गर्डर लांच हो गया।
रविवार को 500 मीट्रिक टन भार क्षमता वाली दो क्रेनों से 100 मीट्रिक टन वजनी गर्डर उठाने की कसरत शुरू हुई, लेकिन सुबह तक क्रेनों की सांसें फूल गईं, लेकिन गर्डर टस से मस नहीं हुआ। हबीबगंज तिराहे से मिसरोद की ओर आने वाले इस मार्ग के दोनों और नगर निगम
और निर्माता कंपनी एसीएल ने स्पान बनाने का काम पहले की पूरा कर लिया था।
दो स्पान पर प्रीकास्ट गर्डर कास्टिंग के लिए करीब 50 इंजीनियर्स और
कर्मचारियों की फौज ने बीती रविवार रात 10 बजे से कवायद शुरू की थी। अमले
को पहले दिन सफलता नहीं मिली थी लेकिन सोमवार रात से सुबह तक चली कार्रवाई
में भारी मशक्कत के बाद गर्डर को स्पान पर चढ़ा दिया गया। होशंगाबाद की इस
साइट पर अभी 9 गर्डर और स्थापित किए जाने हैं। मंगलवार को इसके लिए रात 8
से सुबह 6 बजे तक फिर कार्रवाई की जाएगी। स्पान पर प्रीकास्ट गर्डर
कास्टिंग के साथ ही नगर निगम ने बीआरटीएस और एम्स की ओर उतरने वाली ब्रिज
की लेंडिंग के लिए रिटेनिंग वॉल को बनाने का काम तेज कर दिया है। पिछले दो
दिनों में इस हिस्से में करीब 30 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है।
पहले दिन करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद 300 मीट्रिक टन क्षमता वाली मुख्य क्रेन ने गर्डर को संभाला और इसे गर्डर पर रखने की तैयारी की, लेकिन सफलता नहीं मिली। सोमवार रात 10 बजे से निगम अमले व कंपनी के इंजीनियर्स ने दोबारा शुरू की गई। काफी मशक्कत के बाद मंगलवार सुबह तक एक गर्डर की लांचिग पूरी हो सकी।
लंबा जाम लगा होशंगाबाद रोड और हबीबगंज तिराहे से ट्रेफिक डायवर्शन का समय भले ही रात 8 से सुबह 6 बजे तक तय किया गया है लेकिन इससे बावजूद मौके पर लंबा जाम लग रहा है। सोमवार को दिन भर मुख्य मार्ग का अधिकांश भाग निर्माण सामग्री की वजह से संकरा बना रहा जिससे वाहनों को निकलने में दिक्कतें आईं। शाम के वक्त होशंगाबाद की ओर आने वाले वाहनों की लंबी कतारें यहां निकल नहीं सकीं। मौके पर ट्रेफिक पुलिस का अमला सक्रिय हुआ लेकिन लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी।
दोबारा होगी समीक्षा
आरओबी कीहोशंगाबाद साइट पर दस दिनों में काम खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। दिल्ली प्रवास से लौटकर कार्य की दोबारा समीक्षा की जाएगी। जरूरत पडऩे पर प्लानिंग को नए सिरे से तय किया जाएगा ताकि काम जल्दी पूरा हो सके।
– आलोक शर्मा, महापौर