(राजधानी के हर्षवर्धन नगर स्थित एक स्कूल की खिड़कियों के पास फैली गंदगी। यह कभी भी बच्चों के लिए घातक हो सकती है।-पत्रिका)
भोपाल। कोटरा सुल्तानाबाद स्थित नया बसेरा स्कूल, यहां कक्षा दो में दर्जन बच्चे बैठे हैं। सभी यूनीफार्म (हाफ शर्ट, नेकर अथवा स्कर्ट) पहने हैं। क्लास के बाहर रुका हुआ पानी और गंदगी का ढेर। बच्चे मच्छरों से परेशान हैं।
यह स्थिति तब है जब कि शहर में डेंगू से 3 बच्चे और करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा बच्चे मलेरिया की गिरफ्त में आ चुके हैं। बावजूद न तो स्कूल प्रबंधन ने बच्चों की मलेरिया और डेंगू से हिफाजत के लिए कोई तैयारी की है और और न ही स्कूल शिक्षा विभाग इस और ध्यान दे रहा है।
गौरतलब है कि डेंगू के मच्छर दिन में और मलेरिया के मच्छर सुबह और शाम को काटते हैं और यही समय बच्चों के स्कूल जाने होता है। ऐसे में बच्चों के डेंगू और मलेरिया की गिरफ्त में आने की आशंका ज्यादा रहती है।
बावजूद शिक्षा विभाग ने स्कूलों में डेंगू और मलेरिया से बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। वहीं अन्य राज्यों में स्कूलों में मच्छरों का कहर रोकने के लिए विशेष उपाए किए जा रहे हैं।
कई बच्चे हो चुके हैं बीमार
नया बसेरा स्कूल के प्रधानाध्यापक केपी मालवीय बताते हैं कि उनके यहां 250 बच्चे हैं। आस-पास गंदगी है, इससे मच्छर भी हैं। कई बच्चे बीमार हैं हालांकि यह नहीं पता कि उन्हें डेंगू या मलेरिया है। हषवर्धन नगर के स्कूल में भी बीते दिनों में आधा दर्जन बच्चे बीमार हो चुके हैं।
400 मीटर है डेंगू मच्छरों का दायरा
विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू मच्छरों का दायरा करीब 400 मीटर तक होता है। अक्सर आस-पास तो साफ-सफाई करा लेता है, लेकिन 400 मीटर में कई ऐसी जगह होती हैं, जहां मच्छर पनप सकते हैं।
मलेरिया विभाग की टीम लगातार काम कर रही हैं। समय समय पर स्कूलों में और आसपास भी दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
डॉ. वीणा सिन्हा, सीएमएचओ
निजी स्कूल अपने स्तर पर मच्छरों से बचने के उपाय करते हैं। एसोसिएशन ने भी स्कूलों से कहा है कि वे मच्छरों से बचने के उपाय करें।
अजीत सिंह, अध्यक्ष, प्रायवेट स्कूल एसो.
हमने स्कूलों में साफ-सफाई की पुख्ता इंतजाम के लिए कहा है। यूनीफार्म में छूट जैसे निर्देश फिलहाल नहीं मिले हैं।
धर्मेंन्द्र शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल
डेंगू के चार नए मरीज
भोपाल. सोमवार को डेंगू के चार नए मरीज सामने आए। इनमें से एक भोपाल का है। तीन आसपास के शहरों से हैं। इनका ईलाज शुरू कर दिया गया है। इनमें से एक जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डेंगू के नए मरीज सामने आने के साथ ही डेंगू के लार्वा के सर्वे का काम भी जारी है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की 70 टीमों ने दो हजार घरों में डेंगू लार्वा का सर्वे किया। इसमें से 100 घरों के बर्तनों में लार्वा मिला, जिससे पानी बहाया गया।
एक मरीज की छुट्टी
भोपाल. स्वाइन फ्लू से पीडि़त करीब पंद्रह मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें चार बच्चे हैं। एक बच्चा वेंटिलेटर पर है। एक अन्य निजी अस्पताल में भर्ती स्वाइन फ्लू के चार मरीजों में से एक की सोमवार को छुट्टी कर दी गई, जबकि एक को वेंटिलेटर से हटा लिया गया।