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मुआवजे पर सांसद का सियासी पैतरा, जाट आरक्षण पर साधी चुप्पी

locationभिवानीPublished: Mar 23, 2015 10:56:00 pm

न केवल 20 हजार रूपए बर्बाद फसल का मुआवजा, बल्कि किसान को बिजली, पानी, खाद व बिज सब फ्री देना होगा

भिवानी। प्राकृतिक आपदा से पीडित अन्नदाता के साथ हो रही सियासत में भिवानी सांसद धर्मबीर ने नया पैतरा फेंकते हुए किसान को मरने से बचाने के लिए सारी चीजें फ्री देने का सुझाव दिया है। धर्मबीर सोनिया गांधी के दौरे पर भिवानी में पत्रकारों से अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होने कहा कि किसान को न केवल 20 हजार रूपए बर्बाद फसल का मुआवजा, बल्कि किसान को बिजली, पानी, खाद व बिज सब फ्री देना होगा। साथ ही उन्होंने पहली बार पूर्व सांसद श्रुति चौधरी का समर्थन करते हुए तोशाम रोड़ पर लगे टोल को गलत बताया। मौका था भिवानी के पंचायत भवन में राष्ट्रीय ग्रामिण पेयजल एवं स्वच्छता अभियान सप्ताह के समापन का। समारोह में सांसद धर्मबीर मुय अतिथि के तौर पर पहुंचे।

इस अवसर पर उन्होंने जिले भर में स्वच्छता के तौर पर अग्रणी रहे गांव व स्कूलों के मुखियाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और सभी को अपने-अपने क्षेत्र को साफ सुथरा रखने व जल बचाने की शपथ भी दिलाई और नगर परिसद को 6 टैक्ट्रर-ट्रॉली व एक लोड़र अपने सांसद कोटे से भेंट किया।

उन्होंने पत्रकारों से बतचीत में सोनिया गांधी के दौरे को लेकर कहा कि किसान तो शौकिया तौर पर कई एकड़ में खेती करवाने वाला साहुकार होता है। खेत में काम करने वाला तो मजदूर होता है। इसलिए मजदूर रूपी किसान को मरने से बचाने के लिए न केवल 20 हजार रूपए मुआवजा, बल्कि बिजली, पानी, खाद व बीज सब कुछ फ्री देना होगा। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि किसान की हालत सुधारने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों को एक होना होग। इसके साथ ही सांसद धर्मबीर ने पहली बार अपनी राजनीतिक धुर विरोधी किरण चौधरी की पूर्व सांसद बेटी श्रुति चौधरी द्वारा तोशाम से भिवानी व हिसार रोड़ पर टोल के विरोध का समर्थन किया। सांसद ने कहा कि जिस 70 किलोमिटर लंबी सङक महज 20 करोड़ रूपये का खर्च आए, उस पर टोल जनहित में नहीं। उन्होने 15 दिन में वे इस टोल को हटवाने का भरोसा दिलाया।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जो जनविरोधी फैसले की गलती की थी उसे भाजपा दोहराने की गलती नहीं करेगी। लेकिन जाट आरक्षण रद्द होने पर सांसद चुप्पी साध गए। सांसद से जाट आरक्षण केबार-बार किए सवाल के बाद भी उन्होंने कुछ नहीं कहा। शायद सांसद आरक्षण पर चुप्पी साध कर भी किसान को सब कुछ फ्री देने के नारे के बहाने अपनी किसान रूपी जाट कोम को नाराज नहीं करना चाहते।
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